मॉस्को। रूस की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी गाजप्रोम और यूक्रेन के बीच पाइपलाइन के जरिए यूरोपीय देशों को गैस भेजने का समझौता अब टूट गया है। अलजजीरा के मुताबिक गाजप्रोम ने इसकी पुष्टि की है। इसके साथ ही रूस और यूक्रेन के बीच बचा हुआ आखिरी कारोबारी और राजनीतिक समझौता अब खत्म हो चुका है।समझौते के टूटने से अब यूरोप के कई देशों तक रूसी प्राकृतिक गैस का निर्यात रुक गया है। रूसी कंपनी गाजप्रोम ट्रांजिट एग्रीमेंट के तहत जंग के दौरान भी स्लोवाकिया, मोल्दोवा और हंगरी समेत कई देशों को प्राकृतिक गैस भेजती थी। यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री जर्मन गैलुशेंको ने एक बयान में कहा- हमने रूसी गैस के ट्रांजिट को रोक दिया है। यह एक ऐतिहासिक घटना है। रूस अपने बाजार खो रहा है, उसे वित्तीय नुकसान होगा। यूरोपीय देशों के गैस भेजने के लिए ट्रांजिट एग्रीमेंट की शुरुआत 2019 में हुई थी। इसे 31 दिसंबर 2024 को खत्म होना था। यूक्रेन ने इस एग्रीमेंट को रिन्यू करने से इनकार कर दिया था।स्लोवाकिया के PM रॉबर्ट फिको और हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन कई सप्ताह से ट्रांजिट एग्रीमेंट रद्द न करने को लेकर यूक्रेन को मनाने की कोशिश कर रहे थे। उनकी कोशिश नाकाफी साबित हुई। ये दोनों यूरोपीय नेता पुतिन समर्थक माने जाते हैं।