फसल बीमा का बजट बढ़ाकर रु.69516 करोड़ किया
नई दिल्ली(वी.एन.झा)। केंद्र सरकार ने साल के पहले दिन किसानों के लिए बड़े फैसले किए हैं। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी है।इसी के साथ फर्टिलाइजर पर सब्सिडी जारी रहेगी। DAP खाद का 50 किलोग्राम का बैग पहले की तरह 1350 रुपए का मिलता रहेगा।कैबिनेट ने DAP खाद बनाने वाले कंपनियों को 3850 करोड़ की अतिरिक्त सब्सिडी देने का ऐलान किया गया है। फसल बीमा योजना का आवंटन बढ़ाकर 69516 करोड़ रुपए कर दिया गया है। फसल बीमा न देने पर पेनल्टी नहीं लगाई जाएगी।इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि जगत में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को विस्तार देने के लिए 824.77 करोड़ रुपए के बजट का भी आवंटन किया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कैबिनेट ने वेदर इंफॉर्मेशन से जुड़े प्रोजक्ट पर भी मंजूरी दी है। मौसम सूचना और नेटवर्क डेटा सिस्टम (WINDS) में ब्लॉक स्तर पर ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम (AWS) और पंचायत स्तर पर ऑटोमेटिक रेन गेज (ARG) स्थापित किए जाएंगे।9 प्रमुख राज्य WINDS को लागू करने की प्रक्रिया में हैं (जिसमें केरल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी, असम, ओडिशा, कर्नाटक, उत्तराखंड और राजस्थान शामिल हैं), अन्य राज्यों ने भी इसे लागू करने की इच्छा जताई है।
दिसंबर में जीएसटी संग्रह 7.3 प्रतिशत बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये
केंद्रीय जीएसटी संग्रह 32,836 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 40,499 करोड़ रुपये, एकीकृत आईजीएसटी 47,783 करोड़ रुपये और उपकर 11,471 करोड़ रुपये रहा। बुधवार को सरकार की ओर से इससे जुड़े आंकड़े जारी किए गए। कुल सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व दिसंबर में 7.3 प्रतिशत बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 1.65 लाख करोड़ रुपये था। समीक्षाधीन महीने के दौरान घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व 8.4 प्रतिशत बढ़कर 1.32 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात पर कर से राजस्व लगभग 4 प्रतिशत बढ़कर 44,268 करोड़ रुपये हो गया। नवंबर में जीएसटी संग्रह 8.5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ 1.82 लाख करोड़ रुपये रहा। अब तक का सर्वाधिक संग्रह अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा।इस महीने के दौरान 22,490 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक है। रिफंड समायोजित करने के बाद, शुद्ध जीएसटी संग्रह 3.3 प्रतिशत बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये हो गया।