कर्नाटक-तमिलनाडु में 2-2 और गुजरात में एक बच्चा संक्रमित मिला, यह कोई नया वायरस नहीं, हालात पर है हमारी नजर: नड्डा
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) चीन में भयानक रूप ले चुका है. देश में आपातकाल जैसी स्थिति बनी हुई है. भारत में भी इसके मामले सामने आए गए हैं. अब तक भारत में कर्नाटक से दो और गुजरात से एक मामला सामने आया था, लेकिन सोमवार (6 जनवरी, 2024) को एचएमपीवी के और दो नए मामले चेन्नई से सामने आए हैं. ऐसे में देशभर में अब HMPV के कुल पांच मामले हो गए हैं.तमिलनाडु के चेन्नई शहर के दो अलग अलग अस्पतालों में ये मामले सामने आए हैं. फिलहाल इन मामलों को लेकर कोई और जानकारी सामने नहीं आई है. इस बीच राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एचएमपीवी की जांच के लिए उठाए जाने वाले कदमों और इसके संक्रमण को रोकने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की है. देशभर में सामने आए HMPV मामलों को लकेर भले ही सरकारें कह रही हैं कि इससे चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन दूसरी तरफ विभिन्न राज्यों नें इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान सरकार ने इसको लेकर खास दिशा निर्देश जारी किए हैं. तमिलनाडु में सामने आए मामलों के पहले कर्नाटक से दो और गुजरात से एक मामला सामने आया था. इन तीनों मामलों में संक्रमित शिशु ही हैं. कर्नाटक के जिन दो शिशुओं को संक्रमण हुआ है, उनमें से एक तीन महीने की नवजात है. दूसरा मामला 8 महीने के शिशु का है. इन दोनों को ही ब्रोन्कोपमोनिया की हिस्ट्री के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं तीसरा मामला गुजरात से था, जिसमें बच्ची 2 महीने है और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एचएमपीवी वायरस को लेकर चिंता न करने की बात कही है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि घबराने की बात नहीं है हम इस वायरस की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. नड्डा ने बताया कि ‘स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है. पहली बार साल 2001 में इसकी पहचान की गई थी. यह कई वर्षों से पूरी दुनिया में फैल रहा है. मंत्रालय ने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है।हालांकि कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया कि बच्चों के सैंपल निजी अस्पताल में जांचे गए और उन्होंने सरकारी लैब में जांच नहीं कराई। आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी प्रचलन के रुझानों पर नजर रखना जारी रखेगा। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही चीन में किए जा रहे उपायों की जानकारी दे रहा है। इसे लेकर सभी स्वास्थ्य इकाइयां अलर्ट पर हैं। आंध्र प्रदेश सरकार ने एचएमपीवी वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया है। HMPV वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, दो बच्चों में वायरस की पुष्टि हुई है। ये देखकर मैंने तुरंत कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव से बात की। सरकार इस वायरस को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। सरकार ने कहा कि भारत में ICMR और IDSP के जरिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और इन्फ्लूएंजा के लिए गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के लिए मजबूत निगरानी सिस्टम मौजूद है। दोनों एजेंसियों के आंकड़ों से पता चलता है कि ILI और SARI मामलों में कोई असामान्य बढ़त नहीं हुई है।हालांकि यह भी कहा गया कि एहतियात के तौर पर ICMR, HMPV की टेस्टिंग करने वाली लैब की संख्या बढ़ाएगा। साथ ही पूरे साल HMPV के मामलों पर नजर रखेगा।
कोलकाता में मिला था एक केस
नवंबर में कोलकाता के पीयरलेस अस्पताल में 6 महीने के एक बच्चे में HMPV पाया गया था जिसका सफलतापूर्वक इलाज किया किया गया. तेज बुखार, खांसी और सांस लेने में दिक्कत का सामना कर रहे पीड़ित बच्चे को परिवार मुंबई से लेकर आया था. डॉ. सहेली दासगुप्ता की देखरेख में PICU में भर्ती बच्चे की वायरल पीसीआर जांच में HMPV की पुष्टि हुई. बच्चे को 7-8 दिनों तक सांस लेने में सहायता दी गई और दो हफ्ते बाद स्थिर हालत में उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.