3.67 करोड़ रुपये की धान की बोरियां कम निकली
अहमदाबाद
गुजरात में समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के दौरान बड़े पैमाने पर घोटाले का मामला सामने आया है। विरमगाम केंद्र पर हुए इस घोटाले के बारे में एक साल बाद शिकायत दर्ज की गई है। राज्य सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने के दावे करती है, लेकिन इस मामले में जांच में ढिलाई बरती जा रही है। आरोप है कि इस घोटाले में भाजपा के बड़े नेताओं का हाथ हो सकता है, इसलिए इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इसीलिए मांग उठ रही है कि इस पूरे मामले की जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में की जाए। विरमगाम में 20 नवंबर से 31 दिसंबर 2023 तक किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदा गया था। इस केंद्र पर ऑनलाइन रिकॉर्ड के अनुसार 3,35,524 क्विंटल धान की खरीद दिखाई गई थी। लेकिन जब तहसीलदार ने मौके पर जाकर जांच की तो पता चला कि केवल 2,24,609 क्विंटल धान ही मौजूद था।
इसका मतलब है कि 90,915 क्विंटल धान गायब हो गया था। गायब हुए धान की कीमत लगभग 3.76 करोड़ रुपये है। 6 जनवरी, 2025 को जब धान की मात्रा का सत्यापन किया गया तो भाजपा सरकार का घोटाला सामने आया। कुल 1221 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा था, जिनमें से 927 किसानों को पैसे मिल गए थे और 294 किसानों को अभी तक पैसे नहीं मिले हैं। कांग्रेस प्रवक्ता मनहर पटेल ने आरोप लगाया है कि इस पूरे घोटाले को पोर्टल के आईडी का उपयोग करके अंजाम दिया गया है। भ्रष्टाचार खत्म करने के दावों के बावजूद, इस घोटाले की शिकायत एक साल बाद 31 दिसंबर, 2024 को दर्ज की गई।