अहमदाबाद। राज्यभर में उत्तरायण के दौरान चीनी मांझा और तुक्कलों पर प्रतिबंध मांगती याचिका गुजरात हाईकोर्ट में की गई है। जिसमें ऐसा बताया गया है कि हाईकोर्ट एवं पुलिस द्वारा अनेकों बार चीनी मांझा, नाईलोन मांझा तथा तुक्ïकल बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया है। उसके बावजूद घातक मांझा और तुक्कल किसी रोकटोक बिना बेचे जा रहे हैं। हाईकोट4 द्वारा अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट एवं सूरत के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट तथा पुलिस कमिश्ïनर के पास से रिपोर्ट मांगी गई है। जिसकी सुनवाई 10 जनवरी, शुक्रवार को मुकर्रर की है। याचिकाकर्ता की ओर से एड़वोकेट निमिष कापडिया ने ऐसी दलील की थी कि कोर्ट एवं पुलिस के आदेश का पालन नहीं होता। चाईनीज एवं नाईलोन मांझा के उपयोग के कारण हर वर्ष सैकड़ों पक्षी और पशुओं को जान गंवानी पड़ती है। कई लोगों को रास्ता में आ जाते मांझा से गला एवं आग काटने की घटनाएं होती हैं। जानलेवा मांझा बनाने तथा बिक्री पर सख्ती से प्रतिबंध लगाना चाहिए। गृह विभाग एवं पुलिस द्वारा अनेक परिपत्र जारी किए गए हैं परन्तु उनका अमल नहीं होता। अभी उत्तरायण पर्व आया नहीं उससे पहले ही हाल में रास्ते पर से गुजरते युवक को गले में मांझा फंस जाने से गंभीर जख्म हुआ है। तात्कालिक ऐसा मांझा बनाने-बेचने वाले व्यापारियों के पास से जत्था जप्त कर नष्ट नहीं किया गया तो उत्तरायण के दौरान अनेक लोगों, पशु-पक्षियों को जान गंवानी पड़ेगी। पिछले काफी समय से घातक चीनी मांझा तथा लोगों के घर में आग का कारण बनते चाइनीज तुक्कल पर अधिसूचना जारी कर प्रतिबंध लगाया गया है। परन्तु उसका पालन नहीं होता।