अगले महीने मोदी-ट्रम्प की मुलाकात संभव, अमेरिका में 52 लाख करोड़ निवेश करेगा सऊदी अरब:प्रिंस सलमान
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को H-1B वीजा पर भारतीयों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया। NYT के मुताबिक ट्रम्प ने कहा कि ये वीजा बंद नहीं होंगे। अमेरिका को टैलेंट की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ इंजीनियर ही नहीं चाहिए, अन्य जॉब्स के लिए भी बेस्ट प्रोफेशनल्स आने चाहिए। ये अमेरिकियों को ट्रेनिंग भी देंगे।H-1B पर जारी बहस को लेकर पूछे गए सवाल पर ट्रम्प ने कहा, ‘मैं पक्ष-विपक्ष के तर्कों को लेकर सहमत हूं। अभी अमेरिका को जो टैलेंट चाहिए, वह इस वीजा प्रोग्राम से ही मिल सकता है।’ अमेरिका में इस हाई स्किल वीजा को पाने वालों में भारतीय पहले नंबर पर हैं। 2024 में जारी कुल 2 लाख 80 हजार H-1B में से भारतीयों को करीब 2 लाख वीजा मिले थे।वहीं, अगले महीने वॉशिंगटन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रम्प की मुलाकात हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और अमेरिका के डिप्लोमैट्स ने इसके लिए द्विपक्षीय तैयारियां तेज कर दी हैं। बैठकों का दौर चल रहा है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने गुरुवार को डोनाल्ड ट्रम्प से बातचीत कर उन्हें दोबारा राष्ट्रपति बनने की बधाई दी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद विदेशी नेताओं में सबसे पहले प्रिंस सलमान से बातचीत हुई।क्राउन प्रिंस ने ट्रम्प से कहा कि सऊदी अरब, अमेरिका में अगले 4 साल में 600 बिलियन डॉलर (52 लाख करोड़) का निवेश करने को तैयार है। प्रिंस सलमान ने कहा कि अगर परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो यह निवेश और बढ़ भी सकता है।इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा था कि वह फिर से पहला विदेशी दौरा सऊदी अरब का कर सकते हैं, लेकिन इसकी कीमत देनी होगी। दरअसल, अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के बाद कनाडा-मेक्सिको या फिर यूरोपीय देश की यात्रा करने की परंपरा है। पहली बार ट्रम्प ने ही इस परंपरा को 2017 में तोड़ा था। ट्रम्प ने सोमवार को इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने पहले विदेशी दौरे के लिए सऊदी अरब को इसलिए चुना था, क्योंकि वहां से सैकड़ों अरब डॉलर की बिजनेस डील हुई थी।
अमेरिका में 20 फरवरी से पहले सीजेरियन डिलीवरी की होड़, इसके बाद जन्मे बच्चों को नागरिकता नहीं मिलेगी
अमेरिका में 20 फरवरी से पहले बच्चे को जन्म देने की होड़ मच गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एक भारतीय मूल की स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया कि उन्हें ऐसे करीब 20 फोन आए हैं जिनमें गर्भवती महिलाएं समय से पहले डिलीवरी के लिए सी-सेक्शन यानी सर्जरी कराना चाह रही हैं।दरअसल, राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रम्प ने एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर जन्मजात नागरिकता के अधिकार को समाप्त करने का फैसला किया है। ऐसे में अवैध प्रवासियों या वीजा पर रहने वाले लोगों के उन बच्चों को नागरिकता नहीं मिल पाएगी जिनका जन्म अमेरिका में होगा।ट्रम्प ने इस आदेश को लागू करने के लिए 30 दिन का समय दिया है। 19 फरवरी को यह समय सीमा पूरी हो रही है। यही वजह है कि कई गर्भवती महिलाएं 20 फरवरी से पहले बच्चा पैदा करना चाहती हैं।
अमेरिका से अवैध प्रवासियों की वापसी पर भारत सहमत, जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री से बात की
अमेरिकी दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि हम अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों नागरिकों की वापसी के लिए तैयार है। विदेश मंत्री ने इस मुद्दे पर भारत के रुख को स्थिर और सैद्धांतिक बताया। जयशंकर ने इसे लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की है।जयशंकर ने वॉशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये जानकारी दी। कॉन्फ्रेंस के दौरान जयशंकर ने कहा, हमारा मानना है कि अगर हमारे नागरिक यहां अवैध रूप से रह रहे हैं और ये तय हो जाता है कि वे हमारे नागरिक हैं, तो उनकी वापसी के लिए हम हमेशा तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अवैध प्रवासन का कड़ा विरोध करता है, यह देशों की छवि के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि इससे अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।जयशंकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र भी ट्रम्प को सौंपा।