गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय के स्थायी परिसर में हर्षोल्लास से मनाया गया 76वां गणतंत्र दिवस
वडोदरा। गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुंढेला स्थित स्थायी परिसर में 76वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया। कुलपति प्रो. रमाशंकर दूबे ने अध्यक्षीय उद्बोधन प्रस्तुत कर तिरंगा फहराया। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति और लोक गीतों पर प्रस्तुतियां दी। प्रो. दूबे ने कहा कि आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ था। गणराज्य बनाने के लिए भारत के संविधान को पूरे देश में लागू किया गया। आज भारत लोकतंत्र की जननी है। अपने उद्बोधन में उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल के अविस्मरणीय योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि देश की रियासतों को एकीकृत करने वाले सरदार पटेल ने एक भारत-श्रेष्ठ भारत के स्वप्न को पूरा करने का कार्य किया है। उन्होंने मंगल पांडे, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, वीर कुंवर सिंह, भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चन्द्रशेखर आज़ाद और रामप्रसाद बिस्मिल जैसे वीर नायकों को याद किया। देश को अपने रक्त से सिंचित कर आजादी दिलाने वाले प्रत्येक भारतीय को नमन करते हुए उन्होंने राष्ट्र प्रेम के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष अनादिकाल से ही एक आध्यात्मिक संस्कृति की धरा रही है, जो शील और संस्कारों से परिपूर्ण है। हमारी संस्कृति का लोहा आज पूरा विश्व मान रहा है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में भारतीयता का भाव है, जो कि भारतीय जीवन मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इस दौरान विश्वविद्यालय की सुरक्षा में तैनात पांच सुरक्षाकर्मियों को उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए सम्मानित भी किया गया।