भावनगर
पिछले कई वर्षों से भावनगर महानगरपालिका भावनगर शहर की कुछ झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वाले गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को दबाव हटाने के लिए नोटिस जारी कर रही है। इसके जवाब में झुग्गी-झोपड़ी संरक्षण समिति आंदोलनात्मक कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इस आंदोलन के तहत मंगलवार को भावनगर नगर निगम की आम बैठक हुई। इस दौरान झुग्गी बस्ती संरक्षण समिति के प्रतिनिधियों ने नगर निगम परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और एक अपील भेजी। भावनगर महानगरपालिका द्वारा गढ़ेची शुद्धिकरण परियोजना के अंतर्गत धोबी सोसायटी, विठ्ठलवाड़ी से मिल नी चाली, कुंभारवाड़ा मोक्ष मंदिर, मोती तालाब कॉलोनी तक गढ़ेची वडला में एक हजार परिवारों के लगभग आठ से दस हजार लोग प्रभावित हैं। इससे हजारों परिवार बेघर हो जाएंगे और इसका सीधा असर गरीब और मध्यम वर्ग के झुग्गीवासियों पर पड़ेगा। इस संबंध में धरना एवं विरोध प्रदर्शन किया गया। अधिकारियों से भी हार्दिक अपील की गई कि वे होश में आएं और गरीबों को परेशान करना और पीड़ा देना बंद करें। इसके अलावा, प्रतिनिधियों ने बताया कि इस परियोजना में नहर के किनारे दिखाई गई सडक़ वर्तमान में उपरोक्त परियोजना क्षेत्र में मौजूद सडक़ है, इसलिए इस सडक़ को बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग सरकार की इस योजना के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें इस बात का दुख है कि उन्हें राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ अब तक नहीं मिल पाया है। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को राज्य/केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी देना संबंधित नगर निगम की जिम्मेदारी है। अत: इस संबंध में नगर निगम के पदाधिकारियों, संबंधित विभाग के अधिकारियों तथा उच्च स्तर पर प्रतिवेदन देकर मांग की गई है कि इस पर गंभीरता से विचार कर उचित निर्णय लिया जाए तथा मलिन बस्ती को शीघ्र ही स्थायी किया जाए। निवासियों को भी न्याय मिले।