वडोदरा: वडोदरा शहर के मध्य से गुजरने वाली विश्वामित्री नदी में बाढ़ को रोकने के लिए विशेषज्ञ समिति द्वारा मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद, टेंडर प्रक्रिया के दौरान मूल्य वृद्धि का बहाना बनाकर निगम को मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देश मिले हैं। सिंचाई निविदा प्रक्रिया के अनुसार निविदाएं जारी करना। इसके साथ ही सरकारी विभागों से भी अभी तक अनुमति नहीं मिल पाई है। इसलिए माना जा रहा है कि विश्वामित्री परियोजना में और देरी होगी। वर्ष 2008 में विश्वामित्री नदी की सफाई की गई थी। नदी निगम ने इस बार टेंडर के लिए जो मशीनरी जारी की है उसकी कीमत 2559 रुपये है। प्रति घन मीटर खुदाई की कीमत सिंचाई विभाग द्वारा जारी टेंडर के अनुसार तय की जाएगी, इसलिए नई टेंडर प्रक्रिया के अनुसार मिट्टी कार्य की लागत 65 से 70 करोड़ रुपये आएगी। हाल ही में विश्वामित्री परियोजना के लिए निगम की विशेष बैठक में परियोजना को मंजूरी दी गई, वहीं दूसरी ओर स्थायी समिति की बैठक में विश्वामित्री परियोजना से संबंधित चार मुख्य कार्यों को लंबित रखा गया। जिसमें विश्वामित्री और प्रवासी कंसा में होने वाले कार्यों का पुनः टेंडर किया गया। जबकि जल संचयन प्रणाली के दो कार्यों को मंजूरी दी गई। एक ओर प्रशासन विश्वामित्री गहरीकरण का काम जून तक पूरा करने का प्रयास करेगा, लेकिन केंद्र सरकार के वन्य जीव बोर्ड और राज्य सरकार के वन्य जीव संरक्षण बोर्ड समेत सरकारी विभागों से रॉयल्टी माफी की अनुमति समेत टेंडर प्रक्रिया और अन्य जरूरी अनुमति में देरी के कारण काम पूरा नहीं हो पा रहा है। खान विभाग को अभी तक परियोजना की स्वीकृति नहीं मिली है।