मेडिकल बिल की नई प्रथा को बंद कर पुरानी प्रथा शुरू करने की मांग को स्वीकार किया गया
वडोदरा। वडोदरा नगर निगम ने इस बार एक नया तरीका अपनाते हुए नागरिकों से उनके बजट के बारे में सुझाव मांगे थे। इसके लिए उन्होंने एक ईमेल आईडी जारी की थी। नागरिकों ने इस ईमेल आईडी पर बहुत सारे सुझाव भेजे थे। कुल मिलाकर 1982 सुझाव आए थे और इनमें से 284 सुझावों को आखिरी बजट में शामिल किया गया। सुझावों में जो कार्य उठाए गए हैं, उनमें नगर निगम कर्मचारियों और पेंशनरों के चिकित्सा बिलों के लिए बजट में अधिक प्रावधान करने तथा ओपीडी बिलों के लिए वर्तमान नवीन पद्धति को हटाकर पुरानी पद्धति को पुनः लागू करने की मांग की गई है। भायली स्टेशन की ओर से अटलादरा स्वामीनारायण मंदिर से कलाली ब्रिज तक सड़क पर फ्लाईओवर ब्रिज बनाने का सुझाव दिया गया। छोटी और बड़ी झीलों को आपस में जोड़ना आवश्यक है। दशा माता झील की तत्काल सफाई कर उसे मूल स्थिति में लाने की मांग की गई है। भविष्य में बारिश की स्थिति को देखते हुए इसे चौड़ा करने तथा झांसी में रानी सर्किल से अमीन पार्टी प्लॉट तक सेतु बनाने की मांग की जा रही है। शहरी बस परिवहन के लिए बसों की संख्या बढ़ाने तथा नये एवं आधुनिक बस स्टैंड बनाने की मांग की गई। ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि नागरिकों को मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से इसके बारे में आवश्यक जानकारी तुरंत मिल सके। वाड़ी हरणखाना रोड स्वामीनारायण मंदिर से गजवारावाड़ी तक मुख्य सड़क पर नई ड्रेनेज लाइन बिछाने की मांग की गई है। इसके अलावा निगम ने नागरिकों के सुझावों के आधार पर कई अन्य कार्यों को भी प्रस्तुत बजट में शामिल किया है। अतः जिन कार्यों में नागरिकों ने सुझाव दिए थे और उन्हें स्वीकार नहीं किया गया, उनमें किफायती आवास के अंतर्गत जो दुकानें बिक नहीं रही हैं और बंद हो गई हैं, उन्हें सरकार को सस्ते दामों पर दे दिया जाना चाहिए। जिन गांवों को 2023 से विभिन्न अनुरोध करने के बाद भी निगम से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, उन्हें निगम में शामिल नहीं किया जाएगा। उन्हें बिना किसी विरोध के जबरन निगम में शामिल कर लिया गया। तो फिर यहां पानी, सीवेज, सफाई और अन्य सुविधाओं के बिना टैक्स बिल का भुगतान क्यों किया जा रहा है? यह प्रश्न पूछा गया था। राज्यपाल, सरकार और शहरी विकास विभाग से सुझाव के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। तो फिर लोकतंत्र जैसी कोई चीज है या नहीं? या फिर यह सिर्फ कर है जिसे वसूलना ही है!? सबसे पहले, लिखित में रिपोर्ट करें कि यह तानाशाही है। हम कैसे जानें कि हमें समर्पण करना चाहिए या नहीं? ऐसे सुझाव भी दिए गए। इसके अलावा, अग्रिम कर छूट, जो वर्तमान में 10 से 15 प्रतिशत मुआवजा प्रदान करती है, को बढ़ाकर 25 से 30 प्रतिशत किया जाना चाहिए। जो नागरिक एक बार में तीन वर्षों के लिए अग्रिम कर का भुगतान करता है, उसे 50% की छूट मिलनी चाहिए। इसके अलावा नागरिकों ने वासणा फ्लाईओवर ब्रिज न बनाने का भी प्रस्ताव रखा है। वार्ड नं. 16 स्थित स्वेज प्लांट को स्थानांतरित करने का मुद्दा उठाया गया है। यह सुझाव दिया गया है कि जो निजी सोसायटियां निगम को सीवर कर का भुगतान करती हैं, उन्हें आंतरिक सड़कों पर टूटे सीवर कवरों के स्थान पर प्रतिस्थापन कवर उपलब्ध कराने चाहिए। कब्रिस्तान के लिए 50,000 वर्ग फुट स्थान आवंटित करने की मांग की गई थी। तरसाली शांतिनगर सोसायटी और विशाल नगर के बीच 12 से 15 मीटर चौड़ी सड़क पर ऊंचा परिसर बनाने की मांग की गई। शहर में नगरपालिका द्वारा संचालित वृद्धाश्रम शुरू करने की भी मांग की गई। इनमें से सभी मांगों को खारिज कर दिया गया है तथा बजट में शामिल नहीं किया गया है।