हादसे के 16 घंटे बाद मेला प्रशासन ने जारी किया आंकड़ा
हादसे के 16 घंटे बाद मेला प्रशासन ने जारी किया आंकड़ा
मरने वालों में चार कर्नाटक व गुजरात-असम का एक-एक श्रद्धालु
घटना संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात 2 बजे के आसपास की, प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर 1920 ,PM मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई, CM योगी हुए भावुक, ‘ये हादसा दुर्भाग्यपूर्ण
महाकुंभ में तीन शंकराचार्यों ने किया अमृत स्नान
प्रयागराज। महाकुंभ के संगम नोज पर हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि 60 लोग घायल हो गए हैं. इस बात की जानकारी मेला प्रशासन की ओर से दी गई है. डीआइजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने बताया कि मरने वाले 30 में से 25 श्रद्धालुओं की पहचान हो चुकी है और बाकी की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। इनमें कर्नाटक के 4, असम के 1, गुजरात के 1 लोग शामिल हैं। फिलहाल श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 36 लोगों का इलाज किया जा रहा है।मंगलवार-बुधवार की रात करीब 2 बजे महाकुंभ में भगदड़ मची थी. इसकी चपेट में कई श्रद्धालु आ गए. हादसे के तुरंत बाद कई एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई थी. आननफानन में घायलों को इलाज के लिए ले जाया गया. बता दें कि भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान करने से इनकार कर दिया था. हालांकि बाद में हालात सामान्य होने के बाद अखाड़ों ने तय किया कि वह अमृत स्नान में शामिल होंगे. स्नान के लिए संगम में साधु-संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई. सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान किया. संगम क्षेत्र में हालात सामान्य हो गए हैं, लेकिन महाकुंभ में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ वहां मौजूद है. अनुमान है कि सिर्फ आज ही के दिन दोपहर 2 बजे तक करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. बता दें कि 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक करीब करीब 20 करोड़ लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं. आज यानी बुधवार को मौनी अमावस्या पर दोपहर 2 बजे तक 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई. मेला प्रशासन की तरफ से डीआईजी वैभव कृष्णा ने बताया कि कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स तोड़कर आगे जाना चाहते थे. इस दौरान कुछ श्रद्धालु सो रहे थे जो कुचल दिए गए. डीआईजी ने बताया कि वहां कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं था. घायलों की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी की गई हैदरअसल, दूसरे शाही स्नान के लिए काफी संख्या में लोग संगम नोज पर मौजूद थे. इस दौरान अफवाह के चलते भगदड़ मच गई. महिला-पुरुष समेत तमाम लोग जमीन पर गिर गए. इसके बाद लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गए. इससे हालात बिगड़ गए. संगम तट पर से एंबुलेंस के जरिए घायलों को अस्पताल ले जाया गया. मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि अफवाह के कारण भगदड़ मची. 50 से ज्यादा घायल हैं. यह हादसा क्यों हुआ इसकी वजह सामने नहीं आई है। उधर, अब तक राज्य सरकार ने इस पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है। PM मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने कहा- मैं उत्तर प्रदेश सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हूं। करोड़ों श्रद्धालु आज वहां पहुंचे हैं, कुछ समय के लिए स्नान की प्रक्रिया में रुकावट आई थी, लेकिन अब कई घंटों से सुचारू रूप से लोग स्नान कर रहे हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ महाकुंभ में भगदड़ की घटना का जिक्र करते हुए भावुक हो गए. उन्होंने कहा, “कल शाम सात बजे से ही बड़ी संख्या में लोग प्रयागराज पहुंच रहे थे और स्नान भी कर रहे थे. काफी लोग ब्रह्म मुहूर्त का इंतजार कर रहे थे. इसी दौरान दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हो गया. 90 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से या सामान्य रूप से घायल हो गए. बैरिकेड्स के टूटने और कूदकर जाने की वजह से हुआ है. तीस लोगों की दुखद मृत्यु हुई है. 36 घायलों का प्रयागराज में उपचार चल रहा है. घटना दुखद है. उन सभी परिजनों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है. हम लोग रात्रि से ही प्रशासन के संपर्क में है. ” इन सब मुद्दों पर प्रश्न उठना स्वभाविक है. उपचार के सारे इंतजाम किए गए हैं. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए। अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इस कारण संगम पर लाखों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। इस दौरान बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ मच गई। संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए। भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में एंट्री करने वाले 8 पॉइंट-भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, मिजापुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। सभी व्हीकल पास रद्द कर दिए गए हैं। यानी मेले में एक भी गाड़ी नहीं चलेगी। रास्ते को वन-वे कर दिया गया है। एक रास्ते से आए श्रद्धालुओं को स्नान के बाद दूसरे रास्ते से भेजा जा रहा है। शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। मेला क्षेत्र में यह व्यवस्था 4 फरवरी तक लागू रहेगी। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर बुधवार देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।
मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में तीन शंकराचार्यों ने किया अमृत स्नान
महाकुंभ का आज (29 जनवरी) 17वां दिन है। मौनी अमावस्या पर सबसे पहले तीन शंकराचार्यों ने अमृत स्नान किया। साधु-संत छोटे-छोटे ग्रुप में अपने इष्टदेव के साथ सांकेतिक रूप से संगम स्नान किया ।जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज रथ पर निकले। नागा साधुओं ने तलवार लहराईं। जयकारे लगाते हुए संगम घाट पहुंचे। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज ने संगम में डुबकी लगाई। हेलिकॉप्टर से संतों और श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई।इससे पहले तड़के अखाड़ों के साधु-संत अमृत स्नान के लिए निकले थे। इस बीच, भगदड़ के बाद संगम पर हालात बेकाबू हो गए। प्रशासन ने तुरंत अखाड़ों से अपील की- स्नान के लिए न जाएं। साधु-संतों ने बैठक की। पहले तय हुआ कि अखाड़ों के साधु-संत मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं करेंगे।हालात पर 3 घंटे में काबू पा लिया गया। सीएम ने अखाड़ों से बात की। संत अमृत स्नान के लिए राजी हो गए।
काशी और अयोध्या में 40 लाख श्रद्धालु
मौनी अमावस्या पर वाराणसी और अयोध्या में 40 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं। काशी में बुधवार दोपहर तक करीब 30 लाख लोग पहुंच चुके थे। गंगा स्नान के लिए सबसे ज्यादा श्रद्धालु अस्सी घाट, तुलसी घाट, केदारघाटी, दशाश्वमेध, राजघाट पर हैं। सभी घाटों पर बैरिकेडिंग की गई है।गंगा स्नान के लिए झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश, दक्षिण भारत और अन्य राज्यों से लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। वहीं कैंट रेलवे स्टेशन पर ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु मौजूद हैं। ट्रेनों में चढ़ने के लिए उन्हें जद्दोजहद करनी पड़ रही है। वहीं अयोध्या में 10 लाख श्रद्धालु स्नान करने को पहुंचे हैं। यहां रैपिड एक्शन फोर्स तैनात है।