निर्मला सीतारमण ने अपने आठवें बजट में तो सबको कुछ न कुछ दिया है. परंतु राज्य सरकारों की ओर तो कुबेर के खजाने का ही पूरा मुंह खोल दिया है. भारत सरकार राज्य सरकारों को साल 2025-26 में 14 लाख 22 हजार 444 करोड़ रुपया देने जा रही है. यह राशि केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में है. इस मद में भारत सरकार राज्यों को पिछले साल की तुलना में एक लाख 37 हजार 459 करोड़ रुपया अधिक देने जा रही है. 2024-25 में राज्यों को केंद्रीय करों के तहत भारत सरकार की ओर से 12 लाख 86 हजार 885 इस राशि को राज्य सरकारें अपनी जरूरत के मुताबिक मनमाने तरीके से खर्च कर सकेगी. क्योंकि यह राशि किसी खास विकास परियोजना या किसी खास मद में खर्च करने के लिए नहीं दी जाती है. न ही यह किसी तरह का लोन है. यह पूरी तरह से राज्य सरकार की कमाई होती है, किसी खास तरीके से खर्च करने के लिए इस पर राज्य सरकार या किसी दूसरी एजेंसी का बंधन नहीं होता है.