- पनामा नहर वापस लेने की अमेरिकी धमकी का असर
पनामा सिटी
पनामा के राष्ट्रपति राउल मुलिनो ने रविवार को कहा कि पनामा, चीन के साथ बेल्ट एंड रोड इनशिएटिव (BRI) समझौते को रिन्यू नहीं करेगा। पनामा ने 2017 में चीन के साथ ये समझौता साइन किया था। अब इसके समय से पहले ही खत्म होने के आसार बन रहे हैं।मुलिनो ने अमेरिका के साथ नए निवेश पर काम करने के इच्छा जताई है। इनमें बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाएं भी शामिल हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो रविवार को ही पनामा के दौरे पर पहुंचे हैं। ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद किसी अमेरिकी राजनयिक का ये पहला पनामा दौरा है।मीडिया से बात करते हुए मुलिनो ने रुबियो की यात्रा को संबंधों में नए द्वार खोलने वाला बताया। हालांकि पनामा नहर की संप्रुभता को लेकर बहस नही करने की बात भी दोहराई। उन्होंने कहा कि नहर पर चीन से जुड़ी अमेरिकी चिंताओं को लेकर रुबियो से बात हुई है। मुलिनों के बयान के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने दोनों देशों के बीच बातचीत की डीटेल्स शेयर की। इसमें चीन के मुद्दे पर पनामा को रुबियो की चेतावनी का जिक्र किया गया।रिपोर्ट में कहा गया कि, पनामा नहर पर चीन के नियंत्रण के मतलब ये होगा कि अमेरिका अपने अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा। अमेरिका ने 1977 में एक संधि को पनामा के कंट्रोल में दे दिया था।समझौते के मुताबिक, अगर किसी विदेशी ताकत की वजह से नहर के संचालन को बाधित किया जाता है, तो अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप कर सकता है।हालांकि मुलिनो ने रविवार को इस बात से इनकार किया कि अमेरिका नहर पर दोबारा कब्जे के लिए सैन्य कार्रवाई करेगा।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शपथ ग्रहण से पहले ही पिछले महीने पनामा नहर को फिर से अमेरिकी कंट्रोल में लेने की धमकी दी थी। ये नहर कैरेबियन देश पनामा का हिस्सा है। इस नहर पर 1999 तक अमेरिका का कंट्रोल था।ट्रम्प ने आरोप लगाया था कि इस नहर का इस्तेमाल करने के लिए “पनामा, अमेरिका से अधिक शुल्क वसूल रहा है। इसके अलावा नहर पर चीन का प्रभाव बढ़ा रहा है।”