भारतीय क्रिकेट में एक नई पीढ़ी का उदय हो रहा है, और पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल भविष्य में रोहित शर्मा और विराट कोहली की जगह लेंगे. भारतीय क्रिकेट टीम अब ऐसे युवा खिलाड़ियों को तैयार कर रही है, जो आने वाले वर्षों में टीम की कमान संभाल सकें. पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ का मानना है कि गिल और जायसवाल की जोड़ी भारतीय क्रिकेट के भविष्य की मजबूत आधारशिला रख रही है. वहीं, संजय मांजरेकर का कहना है कि दोनों खिलाड़ी न केवल एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे, बल्कि आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे. पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने स्टार स्पोर्ट्स के शो डीप पॉइंट में कहा, “वे उसी उम्र के हैं, जिसमें 2013 में रोहित शर्मा और विराट कोहली थे. यशस्वी थोड़े छोटे हैं, लेकिन यह अंतर केवल कुछ सालों का है. दोनों ने शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की है और मुझे लगता है कि वे भारतीय क्रिकेट के नए पीढ़ी के ट्रेंडसेटर होंगे.” संजय मांजरेकर ने माना कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज से पहले शुभमन गिल, भविष्य की सबसे बड़ी उम्मीद थे, लेकिन अब जायसवाल भी उनके बराबर आ चुके हैं. उन्होंने कहा, “सीरीज से पहले गिल मेरी पहली पसंद थे, लेकिन अब जायसवाल भी टक्कर दे रहे हैं. दोनों में कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन आगे निकलता है.” संजय बांगड़ का मानना है कि जायसवाल के पास भारत के सबसे बड़े मैच विनर बनने की पूरी क्षमता है. उन्होंने कहा, “अगर उनकी फिटनेस अच्छी रही, तो वह भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े रन स्कोरर बन सकते हैं. उनका स्वभाव बहुत मजबूत है और उनमें मैच जिताने की क्षमता है.” मांजरेकर ने जायसवाल की क्रिकेट मानसिकता की सराहना करते हुए कहा, “जो लोग उन्हें करीब से देखते हैं, वे मानते हैं कि वह भविष्य के लिए तैयार खिलाड़ी हैं. वह सिर्फ शतक से संतुष्ट नहीं होते, बल्कि बड़े शतक बनाना चाहते हैं. उनकी खेल शैली में संयम है और वह बैकफुट पर भी अच्छे शॉट्स खेल सकते हैं. विदेशी परिस्थितियों में रन बनाना उन्हें आता है, और यह एक महान खिलाड़ी (GOAT) की पहचान होती है.” मांजरेकर ने आगे कहा कि गिल को फिलहाल सफेद गेंद क्रिकेट में थोड़ी बढ़त मिली हुई है, लेकिन जायसवाल इस अंतर को कम कर सकते हैं. उन्होंने कहा, “शुभमन गिल वनडे और टी20 में फिलहाल आगे हैं. हमने अभी तक जायसवाल को टेस्ट के बाहर पूरी तरह हावी होते नहीं देखा, लेकिन वह खुद को साबित कर सकते हैं. उनके पास क्षमता है और जब उन्हें मौके मिलेंगे, तो वे अपनी प्रतिभा दिखाएंगे.”