वेरावल
भारतीय भाषा समिति, दिल्ली के वित्तीय सहयोग तथा श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के सहयोग से श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, वेरावल में 12 से 16 फरवरी, 2025 तक पांच दिवसीय भारतीय भाषा अनुवाद कार्यशाला का आयोजन किया गया है, जिसमें पांच दिनों में 20 व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे तथा लगभग 50 प्रतिभागियों को भारतीय भाषाओं का अन्य भाषाओं में अनुवाद करने हेतु प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन प्राप्त होगा। इस कार्यशाला का उद्घाटन कार्यक्रम दिनांक 12-02-2025 को प्रात: 11.00 बजे विश्वविद्यालय परिसर, वेरावल में आयोजित किया गया। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुकांत कुमार सेनापति ने की, मुख्य अतिथि के रूप में जैन विश्वविद्यालय, बंगलुरू के प्राच्य इतिहास एवं संस्कृति केंद्र के सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रो. सिद्धार्थ वाकणकर, विशिष्ट अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव प्रो. ललित कुमार पटेल, आमंत्रित अतिथि के रूप में यहां स्नातकोत्तर विभाग के अध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार झा तथा विश्वविद्यालय द्वारा संचालित संस्कृत महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. पंकज कुमार रावल, उत्कृष्टता वर्ष के समन्वयक/कार्यक्रम अधिकारी डॉ. जानकीशरण आचार्य, कार्यशाला समन्वयक डॉ. विपुल कुमार जाधव, डॉ. राहुल कुमार झा तथा डॉ. रामकुमारी सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी तथा विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का उद्घाटन सर्वप्रथम गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। शुभारम्भ समारोह के पश्चात कार्यशाला समन्वयक डॉ. विपुल कुमार जादव ने मंचासीन अतिथियों का परिचय कराया तथा उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया तथा कार्यशाला परिचय प्रस्तुत किया। प्रो. सिद्धार्थ वाकणकर ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि संस्कृत शिक्षा की भाषा है और भारत को पुन: विश्व गुरु के पद पर ले जाने में संस्कृत ही मुख्य सहायक माध्यम है। डॉ. राहुल कुमार झा ने उपस्थित सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। सम्पूर्ण उद्घाटन कार्यक्रम का संचालन डॉ. रामकुमारी ने किया।