बंगलूरू। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को कहा कि भविष्य के युद्ध के साथ तकनीक को जोड़ना ही केवल युद्ध जीतने का समाधान नहीं है। हमें नई अवधारणाओं और सिद्धांतों को विकसित करने के लिए काम करना चाहिए। एयरो इंडिया के सेमिनार में उन्होंने भविष्य के संघर्षों के साथ तकनीक को जोड़ने पर बात की। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भविष्य के युद्ध के साथ तकनीक को जोड़ना केवल जीत पाने का एकमात्र हिस्सा है। हमें जीत के लिए नई अवधारणा और नए सिद्धांत बनाने होंगे। ऐसे युद्ध के लिए नए संगठन बनाने होंगे। साथ ही नई संस्कृति और प्रक्रिया पर काम करना होगा। तकनीक केवल इसका एक हिस्सा होगी। उन्होंने कहा कि युद्ध क्षेत्र में लगातार विस्तार हो रहा है। हमने हमेशा देखा है कि नए युद्ध क्षेत्र का पिछले पर प्रभाव पड़ा है। इनमें भी लगातार परिवर्तन होते रहे हैं। भू युद्ध क्षेत्र में अब शहरी और भू आधारित युद्ध शामिल हो गए। समुद्री युद्ध क्षेत्र में सतही युद्ध के अलावा पानी के अंदर तक लड़ाइयां होने लगीं। हवाई युद्ध क्षेत्र हमने देखा है कि अंतरिक्ष के निकट तक फैल गया है। हमें इन मुश्किल युद्ध क्षेत्र में लड़ने के लिए तकनीक को जोड़ने की जरूरत है। यही वह क्षेत्र है जहां तकनीक हमारी मदद करेगी। तकनीकी प्रगति के कारण विकसित हो रहे युद्ध को लेकर सीडीएस ने कहा कि पहले पीढ़ी में युद्ध इंसानों के बीच होता था। अब हम इसे नए सिरे से परिभाषित करने के कगार पर हैं। भविष्य में युद्ध इंसानों और मशीनों के बीच होगा। बाद में यह पूरी तरह से स्वायत्त मशीनी क्षेत्र में विकसित हो सकता है। उन्होंने कहा कि युद्ध अब बहु क्षेत्रीय होता जा रहा है। इसका मतलब यह है कि अब एक साथ कई क्षेत्रों में लड़ाइयां होंगी। उन्होंने कहा कि युद्ध क्षेत्र का डिजिटलीकरण, स्थलीय, हवाई और उपग्रह आधारित सिस्टम की नेटवर्किंग और डाटा केंद्रित युद्ध की ओर बदलाव के कारण युद्ध क्षेत्र अधिक बुद्धिमान होता जा रहा है।