इंफाल। 21 महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने के फैसले का मैतेई समुदाय ने विरोध किया है। वहीं कुकी समुदाय के लोग केंद्र सरकार के फैसले से खुश हैं।मैतेई समुदाय का कहना है कि एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में जल्द किसी सक्षम व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। राष्ट्रपति शासन लागू करने का फैसला ठीक नहीं है।कुकी समुदाय की संस्था ITLF ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला सही है। CM बदलने से कुछ नहीं होता। फोरम कुकी समुदाय के लिए अलग प्रशासन की भी मांग कर रहा है।वहीं, मणिपुर भाजपा अध्यक्ष शारदा देवी ने कहा कि, ‘विधानसभा अभी भी निलंबित अवस्था में है। कुछ समय बाद हालात को देखते हुए सदन चलाने पर विचार हो सकता है।’केंद्र सरकार ने राज्य में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया था। यह फैसला मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के 4 दिन बाद लिया गया। सिंह ने 9 फरवरी को गवर्नर को इस्तीफा सौंपा था।भाजपा सांसद और पार्टी की नॉर्थ-ईस्ट इकाई के प्रभारी संबित पात्रा ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी राज्य में शांति रहेगी और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में हो रही अवैध घुसपैठ से सख्ती से निपटा जाएगा।पात्रा ने कहा कि मणिपुर के राज्यपाल की रिपोर्ट के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य विधानसभा को सस्पेंड कर दिया है। अब परिस्थितियों के अनुसार राष्ट्रपति जब चाहें इसे बहाल कर सकती हैं।