भावनगर
हाल ही में भावनगर में लम्बे समय के बाद सुगम संगीत का एक यादगार कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्वर-संगति और कविताकाक्ष्य के संयुक्त उपक्रम तथा लीला ग्रुप ऑफ कंपनीज के सहयोग से आयोजित पद्मश्री पुरुषोत्तम उपाध्याय की यादगार गायन रचना ‘…ने तमे याद आया’ के इस कार्यक्रम ने लगातार तीन घंटे तक तीन सौ से अधिक संगीतप्रेमी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्री ज्ञानगुरु विद्यापीठ परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में कविताकक्ष के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. हिमल पंड्या द्वारा परिचय एवं मौखिक स्वागत तथा पुरुषोत्तम भाई के स्वर में गाए गए भजन के पश्चात स्थानीय कलाकार डॉ. फिरदौस देखैया, हारित ढोलकिया और अपेक्षा भट्ट ने पुरुषोत्तम भाई की कुछ सबसे प्रिय रचनाएं प्रस्तुत कीं, जिनमें ‘रातदिवसनो रस्तो वालम’, सायबो मारो गुलाबनो छोड़’, ‘पांचिका रमती ती’ आदि शामिल हैं। तत्पश्चात, गुजराती सुगम गायन में विशिष्ट स्थान रखने वाली गार्गी वोरा ने पुरुषोत्तम भाई की अनेक सुप्रसिद्ध धुनों के साथ-साथ उन गीतों को भी मधुरता से प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सम्पूर्ण कार्यक्रम के दौरान तुषार जोशी ने पुरुषोत्तम-स्मृति को निरंतर केन्द्र में रखकर एक मधुर वातावरण निर्मित किया, जो सम्पूर्ण कार्यक्रम के पुरुषोत्तम-प्रेम को अभिव्यक्त करता था। यह आयोजन एक बार फिर भावनगर में एक बड़े पारिवारिक समारोह की तरह था, जिसमें कवि हरिश्चंद्र जोशी, विनोद जोशी, डॉ. उषा उपाध्याय, डा. महेन्द्रसिंह परमार, स्वरकार अनंत व्यास सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में शीर्षक गीत ‘पान लीलू जोयु ने तामे याद आए’ को सभी कलाकारों एवं दर्शकों द्वारा सामूहिक रूप से गाया गया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन गायन मंडली की ओर से रीखव मेहता ने दिया।