भावनगर
महाराजा कृष्णकुमार सिंहजी भावनगर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध नंदकुंवरबा महिला महाविद्यालय-देवराजनगर में विश्व मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा गुजरात साहित्य अकादमी, गांधीनगर की संयुक्त पहल पर मातृभाषा महोत्सव गुरुवार दिनांक 20 फरवरी को दोपहर 1 बजे मनाया जाएगा। विश्व में वर्तमान स्थिति तनावपूर्ण है। आज दुनिया भर के कई देश अपनी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ऐसे भँवर में यदि आज हमने अपनी संस्कृति के साथ-साथ अपनी मातृभाषा के प्रति भी विशिष्ट दृष्टिकोण नहीं अपनाया तो भविष्य में हमें अपनी मातृभाषा को पहचानने में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। आज मातृभाषा के लिए उस तरह का अभियान नहीं चल रहा है जैसा चलना चाहिए। इसका कारण पाश्चात्य संस्कृति का अतिक्रमण भी हो सकता है। बदलती दुनिया में, आकांक्षाओं और बच्चों को होशियार बनाने की होड़ में, मातृभाषा और स्वयं दोनों का बलिदान किया जा रहा है। वस्तुत: मातृभाषा हमारे अस्तित्व की शिशु त्वचा है। इसलिए एक बच्चे को उसके अस्तित्व से अलग करना जोखिम से भरा है। नंदकुंवरबा महिला महाविद्यालय, देवराजनगर में अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा गुजरात साहित्य अकादमी, गांधीनगर द्वारा विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में विश्व मातृभाषा दिवस मनाया जाएगा। जिसमें भावनगर के विशेषज्ञ विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे। नंदकुंवरबा महिला महाविद्यालय, देवराजनगर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में डॉ. बीनाबेन पंड्या और कालिंदीबेन पारीख विद्यार्थियों को मातृभाषा संवर्धन के बारे में मार्गदर्शन देंगी।