गुजरात राज्य का 2025 का बजट गुरुवार (20 फरवरी) को वित्त मंत्री कनुभाई देसाई द्वारा पेश किया गया। इसमें राज्य की लोक संस्कृति और गौरव को बढ़ाने के लिए भी विशेष घोषणाएं की गई हैं। बजट में पर्यटन विभाग और हस्तशिल्प क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा, अंबाजी सहित तीर्थ स्थलों के विकास के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। बजट पेश करते समय वित्त मंत्री ने कहा कि यूनेस्को की दुनिया के 7 सबसे खूबसूरत संग्रहालयों की सूची में भुज के स्मृति वन को शामिल किया गया है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, ऐतिहासिक नगरी वडनगर जैसे कई स्थलों के कायाकल्प से गुजरात देश-विदेश के पर्यटकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बन गया है। वर्ष 2024 के दौरान 18 करोड़ 63 लाख घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक गुजरात के मेहमान बने हैं। पर्यटन जैसे रोजगारोन्मुखी क्षेत्र के विकास से हमारे युवाओं के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष अवसर पैदा होंगे। होटल व्यवसाय, परिवहन और हस्तशिल्प जैसे कई क्षेत्रों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे। इस क्षेत्र के विकास के लिए पर्यटन विभाग के बजट में 31 प्रतिशत तक की वृद्धि सहित विभिन्न विभागों के तहत 6505 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है।
अंबाजी के विकास के लिए 180 करोड़
इंटीग्रेटेड टूरिज्म डेस्टिनेशन डेवलपमेंट के तहत महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली लगभग 150 सड़कों का विकास किया जाएगा और पर्यटकों के लिए 200 नई एसी बसें संचालित की जाएंगी। इसके अलावा, 51 शक्तिपीठों में से आदि शक्ति माँ अम्बा के धाम अंबाजी के विकास के लिए 180 करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान किया गया है।
तीर्थ स्थलों का होगा विकास
धार्मिक शहरों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से द्वारका, सोमनाथ, बहुचराजी, गिरनार, पावागढ़, सिद्धपुर, डाकोर, पाटन और पालीताणा जैसे तीर्थ स्थलों में बुनियादी सुविधाओं में वृद्धि की जाएगी। इससे इन शहरों में पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन के अलावा स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।