- विरोध इसलिए ताकि बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ें: भाजपा
चैन्नई । केंद्र और राज्य सरकार के बीच ट्राई लैंग्वेज विवाद को लेकर तमिलनाडु CM एमके स्टालिन ने कहा- केंद्र हमारे ऊपर हिंदी न थोपे। अगर जरूरत पड़ी तो उनका राज्य एक और लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार है।ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी को लेकर साउथ के राज्यों और केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से विवाद बना रहा है। 2019 में न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू होने के बाद विवाद और बढ़ गया। नई शिक्षा नीति के तहत हर राज्य के छात्रों को तीन भाषा सीखनी होगी, जिनमें से एक हिंदी होगी।तमिलनाडु में इसको लेकर काफी विरोध हो रहा है। राज्य में मौजूदा सरकार के कार्यकर्ता जगह-जगह हिंदी लिखे नामों पर कालिख पोत रहे हैं।भाजपा नेता बोले- भाषा विवाद पर स्टालिन का दोहरा रवैया तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने स्टालिन पर भाषा विवाद को लेकर पाखंडी होने का आरोप लगाया। सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट में, अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में सरकारी स्कूल के छात्रों को तीसरी भाषा सीखने नहीं दी जा रही है। जबकि CBSE और मैट्रिकुलेशन प्राइवेट स्कूलों में यह लागू है। ट्राई लैंग्वेज विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को लेटर लिखा था। उन्होंने राज्य में हो रहे नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के विरोध की आलोचना की।उन्होंने लिखा, ‘किसी भी भाषा को थोपने का सवाल नहीं है। लेकिन विदेशी भाषाओं पर अत्यधिक निर्भरता खुद की भाषा को सीमित करती है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) इसे ही ठीक करने का प्रयास कर रही है। NEP भाषाई स्वतंत्रता को कायम रखती है।और यह सुनिश्चित करती है कि स्टूडेंट अपनी पसंद की भाषा सीखना जारी रखें।’