बीते 5 महीनों में निवेशकों की वेल्थ 90 लाख करोड़ रुपए घटी
मुंबई। मार्च की शुरुआत से पहले शुक्रवार को फरवरी के आखिरी दिन भारतीय शेयर बाजार बुरी तरह से क्रैश कर गया. शुक्रवार 28 फरवरी को बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,414.33 अंक या 1.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,198 और निफ्टी 420.35 अंक या 1.86 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,124 पर था. तेज गिरावट के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपये गिरकर 383 लाख करोड़ रुपये रह गया है, जो कि गुरुवार को 393 लाख करोड़ रुपये था. शेयर मार्केट में हुई इस भारी गिरावट का नेतृत्व मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने किया. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,221.55 अंक या 2.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 47,915 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 456 अंक या 3.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 14,700 पर बंद हुआ. बाजार में गिरावट की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ के ऐलान को माना जा रहा है, जिसके कारण टैरिफ वार का खतरा पैदा हो गया है. एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ टेक्निकल एनालिस्ट, रूपक दे का कहना है कि शुक्रवार को निफ्टी में बड़ी गिरावट हुई है. कंसोलिडेशन के ब्रेकडाउन के बाद इसमें 400 अंक से अधिक की गिरावट आई है. आरएसआई ओवरसोल्ड जोन में बना हुआ है, जो कि मंदी के सेंटीमेंट को दिखाता है.30 सितंबर 2024 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 474 लाख करोड़ रुपए था जो 28 फरवरी को घटकर 384 लाख करोड़ रुपए रह गया। यानी, 5 महीनों में निवेशकों की वेल्थ 90 लाख करोड़ रुपए घट गई है।