नई दिल्ली । कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोमवार को महिलाओं के लिए एक ऐसा सुरक्षित डिजिटल माहौल बनाने की आश्यकता पर जोर दिया, जिससे उनकी गरिमा और देश निर्माण में भागीदारी सुनिश्चित हो सके। मेघवाल राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की ओर से आयोजित ‘महिलाओं से जुड़े साइबर कानून और साइबर जागरूकता’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नागरिकों, खासतौर पर महिलाओं से आग्रह किया कि वे मजबूत पासवर्ड रखें और ऑनलाइन निजी जानकारी साझा करने से बचें। उन्होंने कहा, मजबूत पासवार्ट का उपयोग करें और अपनी निजी जानकारी को ऑनलाइन कम से कम साझा करें। साइबर अपराध ऐसे होते हैं कि हम अक्सर अनजाने में फंसर जाते हैं। अजनबियों से लंबी बातचीत से बचें और ऑनलाइन अज्ञात लोगों के साथ बातचीत करते समय सतर्क रहें। अगर कोई साइबर अपराध होता है, तो तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करें। मेघवाल ने डिजिटल क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से गलत प्रचार अभियानों, साइबर हमलों, फर्जी प्रोफाइल बनाने और वीडियो से छेड़छाड़ जैसी उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, हमने जो नए कानून बनाए हैं, वे इन मुद्दों को व्यापक रूप से संबोधित करते हैं। हम एआई आधारित गलत सूचना, डिजिटल अरेस्ट और अन्य साइबर अपराधों से निपटने के लिए प्रावधान शामिल किए हैं। कानून मंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए एक सुरक्षित डिजिटल माहौल बनाने की जरूरत है, जिससे उनकी गरिमा और देश के निर्माण में भागीदारी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा, साइबर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और महिलाओं के साथ इसके संबंध को समझना जरूरी है। महिलाओं को बिना किसी डर के देश की प्रगति में योगदान देना जारी रखना चाहिए। साइबर अपराध उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोक सकते। मेघवाल ने ‘साइबर सहेली’ नाम की एक पुस्तक का भी अनावरण किया, जिसका मकसद परिवारों को साइबर सुरक्षा बारे में जागरूक करना है। उन्होंने कहा, साइबर खतरों से डरने की जरूरत नहीं है। ‘साइबर सहेली’ सभी के लिए एक मार्गदर्शक और समर्थन प्रणाली के रूप में काम करेगी। आईटी क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को लेकर मेघवाल ने कहा कि महिलाएं प्रौद्योगिकी में अग्रणी हैं।