वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन समेत कई देशों द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ को अनुचित बताते हुए 2 अप्रैल से जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि अमेरिका दूसरे देशों से आयात पर वही शुल्क लगाएगा, जो वे अमेरिकी निर्यात पर लगाते हैं. ट्रंप ने कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अमेरिकी ऑटो प्रोडक्ट्स पर 100% टैरिफ वसूलता है. उन्होंने इसे अमेरिका के लिए अनुचित व्यापार नीति बताया और कहा कि यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत, मेक्सिको और कनाडा जैसे देशों ने दशकों से अमेरिका पर अधिक शुल्क लगाए हैं. अब अमेरिका भी जवाबी कार्रवाई करेगा. उन्होंने साफ किया कि 2 अप्रैल से अमेरिका उन देशों पर जवाबी शुल्क लगाएगा, जो अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं. उन्होंने कहा, “अगर वे हमें अपने बाजार से बाहर रखने के लिए नॉन-मॉनिटरी टैरिफ लगाते हैं, तो हम भी उनके बाजार में यही करेंगे.” ट्रंप ने कहा कि चीन अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर दोगुना टैरिफ वसूलता है, जबकि दक्षिण कोरिया अमेरिका से चार गुना ज्यादा शुल्क लेता है. उन्होंने कहा कि “हम दक्षिण कोरिया को सैन्य सहायता देते हैं, फिर भी वे हम पर ज्यादा टैरिफ लगाते हैं. यह व्यवस्था अमेरिका के लिए उचित नहीं है.” ट्रंप ने दावा किया कि उनकी टैरिफ नीतियों से अमेरिका में निवेश बढ़ा है. उन्होंने बताया कि Apple के CEO टिम कुक ने उन्हें फोन कर कहा कि वे 500 बिलियन डॉलर का निवेश अमेरिका में करेंगे. Taiwan Semiconductor, जो दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनी है, 165 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी. वहीं, SoftBank ने भी 200 बिलियन डॉलर के निवेश की योजना बनाई है. ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार 50 लाख अमेरिकी डॉलर का ‘गोल्ड कार्ड’ डेवलप कर रही है, जिससे प्रतिभाशाली और मेहनती लोगों को अमेरिकी नागरिकता मिल सकेगी. उन्होंने इसे ग्रीन कार्ड से बेहतर विकल्प बताया. ट्रंप ने कहा कि अब अमेरिका में सिर्फ दो ही जेंडर होंगे… पुरुष और महिला. उन्होंने ट्रांसजेंडर्स के लिए कोई जगह न होने की बात कही. उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन ने पब्लिक स्कूलों से ‘क्रिटिकल रेस थ्योरी’ को हटा दिया है और अब यह अमेरिकी सरकार की आधिकारिक नीति बन गई है कि “सिर्फ दो जेंडर हैं पुरुष और महिला.” ट्रंप ने जो बाइडेन सरकार की नीतियों को घोटाला करार दिया और कहा कि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जांच होगी. उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन की नीतियों से अमेरिका में आर्थिक तबाही आई है. महंगाई चरम पर है और बीते 48 वर्षों में अमेरिका को सबसे ज्यादा महंगाई झेलनी पड़ी. उन्होंने कहा, “बाइडेन सरकार की गलत नीतियों ने ऊर्जा की कीमतें बढ़ा दीं, किराने का सामान महंगा कर दिया और लाखों अमेरिकियों के लिए रोजमर्रा की जरूरतें पहुंच से बाहर कर दीं.” इस तरह डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण में साफ कर दिया कि अमेरिका अब व्यापार में किसी भी देश की मनमानी बर्दाश्त नहीं करेगा. भारत और चीन समेत कई देशों पर जवाबी टैरिफ लगाया जाएगा, जिससे व्यापारिक संबंधों में बड़ा बदलाव आ सकता है. साथ ही, अमेरिका में निवेश बढ़ाने और सामाजिक बदलाव लाने के लिए भी उन्होंने कई नई घोषणाएं की हैं.
तुम युद्ध चाहते हो तो तुम्हें युद्ध मिलेगा’, अमेरिका के भारी टैरिफ लगाने के एलान पर चीन की धमकी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को चीन पर 10% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। अब एक दिन बाद चीन ने अमेरिका को जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है।अमेरिका में चीन के दूतावास ने बुधवार को बयान जारी कर कहा- अगर अमेरिका जंग ही चाहता है तो जंग ही सही, फिर चाहे ट्रेड वॉर हो या फिर किसी दूसरे तरह की जंग। हम आखिर तक लड़ने के लिए तैयार हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन किसी धमकी से नहीं डरता। हम पर धौंस जमाना काम नहीं करता। दबाव, जबरदस्ती या धमकी चीन से निपटने का सही तरीका नहीं है। अमेरिका ने फरवरी की शुरुआत में चीन पर 10% टैरिफ लगाया था। इसके एक महीने बाद ट्रम्प सरकार ने फिर चीन पर 10% टैरिफ लगाने का ऐलान किया।इसके बाद प्रवक्ता लिन जियान ने एक्स पर लिखा कि अमेरिका फेंटेनाइल (ड्रग) मुद्दे पर हर तरह की झूठी जानकारी फैला रहा है, चीन को बदनाम कर रहा है और बलि का बकरा बना रहा है। फेंटेनाइल के बहाने से चीनी सामानों पर टैरिफ बढ़ा रहा है। ऐसे कदम अनुचित हैं और इससे किसी का भी भला नहीं होगा।लिन जियान ने कहा कि चीन की स्थिति साफ है। हम फेंटेनाइल के बहाने चीन पर दबाव डालने, उसे धमकाने और ब्लैकमेल करने का विरोध करते हैं। हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वे अपने हितों को ध्यान में रखकर सही कदम उठाए।प्रवक्ता लिन जियान ने यह भी कहा कि चीन, फेंटेनाइल पर सख्ती के लिए काफी पहले से कदम उठा रहा है। चीन ने 2019 में ही फेंटेनाइल से जुड़े दवाओं को मादक दवाओं की लिस्ट में शामिल किया था। तब चीन ऐसा करने वाला पहला देश बना था।लिन जियान ने एक और पोस्ट में कहा कि अमेरिका के भीतर फेंटेनाइल संकट के लिए कोई और नहीं, बल्कि अमेरिका ही जिम्मेदार है। अगर अमेरिका सच में फेंटेनाइल मुद्दे को सुलझाना चाहता है, तो उसे चीन से बात करनी चाहिए और एक-दूसरे को बराबरी का दर्जा देना चाहिए।
ग्रीनलैंड हमारा है, इसे खरीदा नहीं जा सकता , पीएम एगेडे का ट्रंप पर पलटवार
ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूटे बोरुप एगेडे ने बुधवार को कहा कि ग्रीनलैंड उनका है और उसे न तो लिया जा सकता है और न ही खरीदा जा सकता है। उनका यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस संदेश के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका प्रशासन आर्कटिक द्वीप के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इस क्षेत्र को किसी न किसी तरीके से हासिल कर ही लेगा। उनका यह सोशल मीडिया पोस्ट तब सामने आया, जब कुछ घंटे पहल ट्रंप ने कांग्रेस को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने ग्रीनलैंड के लोगों से सीधे अपील की थी। एक हफ्ते बाद द्वीप के निवासी संसदीय चुनावों के लिए मतदान करेंगे। ट्रंप ने कहा, हम आपके अपने भविष्य को तय करने के अधिकार का मजबूती से समर्थन करते हैं और अगर आप हमें चुनते हैं, तो हम आपका अमेरिका में स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम आपको सुरक्षित रखेंगे। हम आपको अमीर बनाएंगे। साथ में हम ग्रीनलैंड को उन ऊंचाइयों तक ले जाएंगे, जिसकी आपने पहले कभी कल्पना नहीं की होगी।