20 सैनिकों की हत्या, एक्शन लिया तो बंधक मारे जाएंगे:बलूच आर्मी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने मंगलवार को जाफर एक्सप्रेस पर हमला कर उसे हाईजैक कर लिया। BLA ने बयान जारी कर बताया कि 182 पैसेंजर्स को बंधक बना रखा है, जबकि 20 पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या की है।BLA ने ये भी बताया कि उसने एक ड्रोन मार गिराया गया है।ये हमला दोपहर करीब 1 बजे क्वेटा से पेशावर के रूट पर बलूचिस्तान के बोलान जिले के माशकाफ इलाके में हुआ। 6 घंटे बाद शाम 7:30 बजे तक भी जाफर एक्सप्रेस पूरी तरह से BLA के लड़ाकों के नियंत्रण में है।पिछले साल 25 और 26 अगस्त 2024 की दरमियानी रात BLA ने इस ट्रेन के रूट में कोलपुर और माच के बीच एक ब्रिज को उड़ा दिया था। इसके चलते ट्रेन की सर्विस रोक दी गई थी। 11 अक्टूबर 2024 से ट्रेन सर्विस फिर से शुरू हुई थी।बलोच लिबरेशन आर्मी ने बोलान के माशकाफ में गुडालार और पीरू कुनरी के बीच इस हमले को अंजाम दिया है। यह पहाड़ी इलाका है, जहां 17 सुरंगें हैं, इसके चलते ट्रेन को धीमी स्पीड पर चलाना पड़ता है। इसका फायदा उठाकर BLA ने ट्रेन पर हमला किया।सबसे पहले बलोच आर्मी ने माशकाफ में टनल नंबर-8 में रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया। इससे जाफर एक्सप्रेस डिरेल हो गई। इसके बाद BLA ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में ट्रेन का ड्राइवर भी घायल हुआ।इस ट्रेन में सुरक्षाबलों, पुलिस और ISI के एजेंट्स सफर कर रहे थे। सभी पंजाब जा रहे थे। इन्होंने BLA के हमले का जवाब दिया। लेकिन BLA ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया। इस दौरान 20 सुरक्षाकर्मी मारे गए। घटना की जानकारी मिलने पर पाकिस्तान आर्मी ने BLA पर जमीनी फायरिंग की और हवा से बम भी बरसाए। लेकिन BLA लड़ाकों ने किसी तरह आर्मी के जमीनी ऑपरेशन को रोक दिया। इसके बाद पाकिस्तान आर्मी ने तुरंत इस इलाके की ओर एक ट्रेन रवाना की, जिसमें मदद के लिए सैनिकों को भी भेजा गया है। पाकिस्तान के मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि हम ऐसे जानवरों से कोई समझौता नहीं करेंगे, जिन्होंने बेकसूर यात्रियों पर गोलीबारी की। एक बयान में BLA ने कहा कि हमारे लड़ाकों ने माशकाफ, धादर और बोलान में इस ऑपरेशन को प्लान किया। हमने रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया, जिसकी वजह से जाफर एक्सप्रेस रुकना पड़ा। इसके बाद हमारे लड़ाकों ने इस ट्रेन पर कब्जा कर लिया और यात्रियों को बंधक बना लिया।बंधकों में पाकिस्तानी सेना, पुलिस, एंटी-टेररिज्म फोर्स (ATF) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एक्टिव ड्यूटी कर्मचारी शामिल हैं, जो पंजाब जा रहे थे। हमने महिलाओं, बच्चों और बलूच यात्रियों को छोड़ दिया है और सिर्फ पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के कर्मियों को बंधक बनाया गया है।इस ऑपरेशन का नेतृत्व BLA की फिदायीन यूनिट और मजीद ब्रिगेड कर रही है, जिन्हें फतेह स्क्वाड, STOS और जिराब इंटेलिजेंस विंग का समर्थन प्राप्त है। अगर हमारे खिलाफ कोई मिलिट्री ऑपरेशन करने की कोशिश की गई तो हम सभी बंधकों को मार देंगे। इस कत्ल-ए-आम की जिम्मेदारी पाकिस्तानी सेना की होगी।
पाकिस्तान की हुई फजीहत, अमेरिका ने राजदूत को घुसने तक नहीं दिया, एयरपोर्ट से ही कर दिया डिपोर्ट
अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप इमिग्रेशन नियमों को लेकर काफी सख्त रुख अपनाए हुए हैं. इसी बीच तुर्कमेनिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत को अमेरिका में प्रवेश नहीं दिया गया और उन्हें वापस भेज दिया गया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि तुर्कमेनिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत के.के. अहसान वगान को अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया है. इमिग्रेशन संबंधी आपत्तियों के चलते अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें देश छोड़ने के लिए कहा, जिसके बाद उन्हें वापस भेज दिया गया.राजदूत के.के. अहसान वगान के पास वैध अमेरिकी वीजा और सभी आवश्यक दस्तावेज मौजूद थे और वह कथित तौर पर निजी दौरे पर लॉस एंजेलिस जा रहे थे. लेकिन अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें एयरपोर्ट पर रोक लिया और इसके बाद उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया. हालांकि अमेरिकी प्रशासन के इस कदम के बाद अब डिप्लोमैटिक प्रोटोकॉल को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए संभावना जताई जा रही है कि पाकिस्तान सरकार जल्द ही राजदूत वगान को इस्लामाबाद वापस बुला सकती है. विदेश मंत्री इशाक डार और विदेश सचिव अमीना बलोच को इस घटना की जानकारी दे दी गई है. विदेश मंत्रालय ने लॉस एंजेलिस स्थित पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास (कॉन्सुलेट) को इस मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं. तुर्कमेनिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत के.के. अहसान वगान लंबे समय से पाकिस्तान की विदेश सेवा से जुड़े हुए हैं. अपने करियर के दौरान उन्होंने काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास में सेकंड सेक्रेटरी के रूप में सेवा दी है.