भावनगर। होली शब्द का अर्थ है वसंत का त्यौहार। पर्व शब्द संस्कृत शब्द पर्व पूर्णे से लिया गया है। इस शब्द के आधार पर पर्व शब्द का अर्थ है ‘पर्व पूर्यति जनानन्द इति पर्व’। होली के त्यौहार से, जिसे वैदिक परम्परा में वासंतीय नवस्सयेष्टि कहा जाता है, जो वर्ष में दो बार आता है, से लेकर दूसरे त्यौहार तक, जिसे शारदीय नवस्सयेष्टि कहा जाता है, जो दिवाली के समय आता है। भारत की गौरवशाली संस्कृति में सदैव सभी के कल्याण का मार्गदर्शन मिलता है, साथ ही कुछ वैज्ञानिकता भी मिलती है। और ज्ञान और विज्ञान के बीच अद्भुत तालमेल है। उस समय भावनगर में अताभाई चौक मित्र मंडल वर्ष 1975 से अथक और निर्बाध होलिका दहन का आयोजन करता आ रहा है ताकि स्थानीय लोगों को दूर की यात्रा न करनी पड़े। यह कार्यक्रम जय घोष, प्रदूषण, बीमारी और अधर्म पर धर्म की जीत, भक्ति की शक्ति और प्रह्लाद के रूप में एक उत्सव के रूप में आयोजित किया जाएगा। इस दहन में अमूल्य वस्तुओं का प्रयोग किया जाएगा, जैसे भारतीय आस्था का प्रतीक गाय का गोबर, बरैसे महादेव के बगीचे से लाया जाएगा, होलिका दहन में बड़ी मात्रा में शुद्ध गाय के गोबर का प्रयोग किया जाएगा तथा विभिन्न प्रकार की हवन सामग्री व गुग्गल से वातावरण को शुद्ध किया जाएगा। इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के अनाज का उपयोग किया जाएगा। वैदिक रीति से आयोजित होने वाले इस महोत्सव में प्रत्येक श्रद्धालु, क्षेत्रवासी, नगरवासी, प्रत्येक भाई-बहन को सादर आमंत्रित किया गया है। गुरूवार दिनांक 13 मार्च को सायं 7.30 बजे आताभाई चौक के पास जॉगर्स पार्क में होलिका दहन किया जाएगा।