भावनगर
गुजरात विद्यापीठ अहमदाबाद, गुजरात में ‘अनुसंधान में नए रास्ते गांधीवादी विचार और एनआईपी-2020’ पर दस दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर का उ्ïधाटन गुजरात राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चुडासमा ने किया। इस विद्यापीठ में प्राकृतिक खेती से लेकर खादी और हस्तनिर्मित बुनी हुई वस्तुओं तक को प्रोत्साहित किया जाता है। इस विधापीठ का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के मूल्यों का संरक्षण करना है। गुजरात विद्यापीठ के कुलपति हर्षद पटेल और उनकी टीम ने पिछली दिवाली की छुट्टियों के दौरान छुट्टी लेने के बजाय, गुजरात के विभिन्न जिलों के गांवों में प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक भव्य अभियान चलाया। गुजरात विधापीठ के प्रार्थना कक्ष में ‘अनुसंधान में नए रास्ते गांधीवादी विचार और एनआईपी-2020’ के दस दिवसीय शिविर का उद्ïघाटन करते हुए गुजरात राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चूड़ास्मा ने कहा कि एनआईपी के माध्यम से नई शिक्षा नीति लागू की गई है, जो व्यक्ति विकास के माध्यम से राष्ट्र निर्माण का हमारा संकल्प है। महात्मा गांधी का मानना था कि व्यक्ति निर्माण से ही राष्ट्र मजबूत होता है। यह सम्पूर्ण विचार निप में पाया जाता है। इस दस दिवसीय शिविर में गुजरात के शिक्षाविद् डॉ. विधुत जोशी, रमेशभाई कोठारी, डॉ. इंदुमतीबेन कटघरे, डॉ. टी.एस. जोशी, संजय चौधरी, भद्रायु वच्छराजानी, अनिल गुप्ता और महेंद्र चोटलिया इस शिविर का मार्गदर्शन करेंगे।