रेलवे वेंटिलेटर पर, रील बनाने से नहीं सुधरेगा:कांग्रेस
नई दिल्ली(वी.एन.झा)। बजट सत्र के दूसरे फेज सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC), कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के 10 सांसदों ने मांग की कि सदन की दिनभर की कार्यवाही रोकी जाए और डुप्लीकेट वोटर आईडी पर चर्चा हो।राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने इससे इनकार कर दिया। इसके विरोध में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा से वॉकआउट किया।लोकसभा में महाराष्ट्र से कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने लोकसभा में रेल मंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब कोई सार्वजनिक उपक्रम वेंटिलेटर पर हो, तब इंस्टाग्राम रील बनाने से कुछ नहीं होता। यह सरकार के खराब प्रबंधन का असर है।वर्षा गायकवाड़ अनुदान की मांगों पर चर्चा में हिस्सा ले रही थीं। उन्होंने ये भी कहा कि दावा किया जाता है कि रेल बजट में अभूतपूर्व बदलाव किए गए, जबकि ये गलत है। सच ये है कि ये फेल बजट है। मौजूदा सरकार यही नैरेटिव बनाने की कोशिश करती है कि हर विकास 2014 के बाद हुआ। जबकि तथ्य ये हैं कि पब्लिक सेक्टर के उपक्रम खराब स्थिति में हैं।इधर, दोनों पार्टियों के सांसद डुप्लीकेट वोटर आईडी पर चर्चा की मांग कर रहे थे।बजट सत्र के दूसरे फेज के तीनों दिन (10, 11, 12 मार्च) DMK सांसदों ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) और ट्राई-लैंग्वेज को लेकर खूब हो-हल्ला किया। कांग्रेस ने गुजरात में भारत-पाक बॉर्डर पर अडाणी ग्रुप के रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने पर सवाल उठाया था। कांग्रेस ने इसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।
वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ सोमवार को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। इसमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।ओवैसी ने कहा- हम इस बिल का विरोध करते हैं। बिल में प्रावधान है कि कल कोई यह कहता है कि यह मस्जिद नहीं है और कलेक्टर जांच बैठा देते हैं तो जांच पूरी होने तक मस्जिद हमारी संपत्ति नहीं होगी।वक्फ बिल को मौजूदा बजट सत्र में लाया जा सकता है। ये सत्र 4 अप्रैल तक चलेगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने बताया कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को करीब 5 करोड़ मुसलमानों ने ई-मेल के माध्यम से अपनी राय बताई, लेकिन सबकुछ नजरअंदाज कर दिया गया।उन्होंने इस बात को दोहराया कि यह विधेयक पारित हुआ तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। धरने में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनता दल (यू) जैसे भाजपा के सहयोगी दलों को न्योता नहीं दिया गया ।