तिरुवनंतपुरम। केरल की मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन को रंगभेद का शिकार होना पड़ा है। जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लंबा चौड़ा पोस्ट साझा कर इसे लेकर नाराजगी जताई और कहा कि अभी भी हमारे समाज में रंगभेद है। मुख्य सचिव की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर रंगभेद को लेकर चर्चा छिड़ गई है और बड़ी संख्या में लोग मुख्य सचिव का समर्थन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में केरल की मुख्य सचिव ने लिखा कि ‘उन्हें काले रंग की वजह से बचपन से ही कमतर महसूस होता था, लेकिन उनके बच्चों ने उन्हें यह समझाया कि काला रंग भी खूबसूरत होता है।’ गौरतलब है कि केरल की मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन से पहले उनके पति डॉ. वी वेणु केरल के मुख्य सचिव पद पर तैनात थे। शारदा मुरलीधरन ने बताया कि ‘हाल ही में किसी ने उनके और उनके पति के बतौर मुख्य सचिव कार्यकाल की तुलना की थी और कहा था कि मेरा कार्यकाल उतना ही काला है, जितने मेरे पति सफेद थे।’इस टिप्पणी से आहत होकर शारदा मुरलीधरन ने फेसबुक पर एक पोस्ट की थी, लेकिन बाद में इसे हटा दिया क्योंकि इस पर बड़ी संख्या में लोगों ने प्रतिक्रिया दी। हालांकि उन्होंने फिर से इसे पोस्ट किया। मुरलीधरन ने लिखा कि ‘मैं इसे फिर से पोस्ट कर रही हूं क्योंकि मेरे कुछ शुभचिंतकों ने मुझे बताया कि ये (रंगभेद) ऐसी चीज है, जिस पर चर्चा होनी चाहिए।’शारदा मुरलीधरन ने लिखा कि ‘पिछले सात महीनों से, जब से उन्होंने अपने पति की जगह मुख्य सचिव का पद संभाला है, तब से ही दोनों के कार्यकाल की तुलनाओं का सिलसिला निरंतर चल रहा है, लेकिन अब वे इसकी अभ्यस्त हो गई हैं।’ मुरलीधरन ने लिखा कि ‘यह काले रंग का लेबल लगाए जाने के बारे में है, जैसे कि ये बेहद शर्म की बात हो, लेकिन काला वही है, जो काले काम करता है, न कि रंग से काला। काला वही है, जो कभी अच्छा नहीं करता, काला अस्वस्थता और काले दिल वाला है।’ उन्होंने आगे लिखा कि ‘काला रंग ब्रह्मांड का सर्वव्यापी सत्य है, फिर उसे बदनाम क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि काला रंग किसी भी चीज को अवशोषित कर सकता है, यह मानव जाति का सबसे शक्तिशाली ऊर्जा स्पंदन है।’