नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर जले हुए नोटों के बंडल मिलने के मामले में 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की बनाई इन-हाउस कमेटी पुलिस को लेकर जज वर्मा के बंगले पर पहुंची। कमेटी मेंबर करीब 30-35 मिनट तक जस्टिस वर्मा के घर के अंदर रहे।इधर, जस्टिस वर्मा ने इन-हाउस जांच समिति के समक्ष पेश होने से पहले बुधवार को सीनियर वकीलों से मुलाकात की। दरअसल, जस्टिस वर्मा अपना फाइनल जवाब तैयार कर रहे हैं, यही आगे की कार्रवाई का आधार बनेगा। जांच कमेटी के सामने उनकी पेशी इसी हफ्ते हो सकती है।सूत्रों के मुताबिक इनमें एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल, अरुंधति काटजू, तारा नरूला, स्तुति गुर्जर और एक अन्य जस्टिस वर्मा के घर पहुंचे। उन्होंने जांच समिति के सामने दिए जाने वाले जवाबों को फाइनल करने में मदद की।जस्टिस यशवंत वर्मा 14 मार्च की रात सतपुड़ा नेशनल पार्क के मढ़ई क्षेत्र में पत्नी संग ठहरे थे। सूचना मिलते ही वे अगले दिन भोपाल के लिए रवाना हुए। फिर दिल्ली चले गए। उनके 15 मार्च तक रुकने का कार्यक्रम था।दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने के फैसले पर पुनर्विचार हो सकता है। 6 हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन के पदाधिकारी गुरुवार को दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना से मिले और तबादला पर विचार करने की मांग की।इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि CJI जस्टिस संजीव खन्ना से हम लोगों ने मुलाकात कर अपनी मांग रखी है। उन्होंने कहा है कि जस्टिस वर्मा के तबादले की कॉलेजियम की सिफारिश को वापस लेने की मांग पर विचार करेंगे।सदस्यों ने CJI और कॉलेजियम को एक मेमोरेंडम दिया। इसमें दावा किया गया कि दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की रिपोर्ट के मुताबिक, 14 मार्च को जस्टिस यशवंत वर्मा के घर आग लगी थी। इसके एक दिन बाद किसी ने उनके घर से सामान हटा दिया था। ऐसे मामलों में अन्य लोगों के शामिल होने और FIR दर्ज नहीं होने से जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।CJI से इलाहाबाद, गुजरात, केरल, जबलपुर, कर्नाटक और लखनऊ हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने दोपहर में मुलाकात की। इसके बाद वे कॉलेजियम के अन्य सदस्यों- जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ से भी मुलाकात की।