मुंबई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने वैवाहिक विवादों में उलझे माता-पिता अपने अहं की संतुष्टि के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। हाईकोर्ट ने अपने एक हालिया आदेश में यह टिप्पणी करते हुए कहा कि माता-पिता में से कोई भी बच्चे के जन्म रिकॉर्ड के संबंध में किसी तरह के अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकता।हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ के जस्टिस मंगेश पाटिल और जस्टिस वाईजी खोबरागड़े ने इसके साथ उस महिला की याचिका को खारिज कर दिया, जिसने अपने बच्चे के जन्म संबंधी रिकॉर्ड में माता-पिता के रूप में केवल उसका नाम दर्ज करने का अनुरोध किया था। हाईकोर्ट ने कहा कि यह याचिका इसका एक स्पष्ट उदाहरण है कि कैसे एक वैवाहिक विवाद कई मुकदमों का कारण बनता है।