घोटाला करने वालों को जेल हो, हमें सजा क्यों?
कोलकाता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों से मुलाकात की। ममता बनर्जी ने कहा, ‘शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की साजिश चल रही है। 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं के शिक्षक उच्च शिक्षा के प्रवेश द्वार हैं। कई शिक्षक स्वर्ण पदक विजेता हैं, उन्होंने अपने जीवन में बेहतरीन परिणाम हासिल किए हैं। आप उन्हें चोर कह रहे हैं। आप उन्हें अक्षम कह रहे हैं। आपको यह अधिकार किसने दिया? कौन यह खेल खेल रहा है? नौकरी खोने वाले लोगों को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, ‘कृपया यह न समझें कि हमने इसे स्वीकार कर लिया है। हम पत्थर दिल नहीं हैं और ऐसा कहने के लिए मुझे जेल भी हो सकती है, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें एसएससी द्वारा बंगाल के स्कूलों में 25,000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था। इस बीच बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के रूप में अपनी नौकरी खो चुके सैकड़ों लोगों ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। मुलाकात कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में हुई। मामले में पश्चिम बंगाल के एलओपी (विपक्ष के नेता) शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा विधायकों के साथ मिलकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसएससी शिक्षकों की नौकरी जाने के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी को जेल जाना चाहिए। वह मुख्य लाभार्थी हैं। उनके भतीजे ने 700 करोड़ रुपये की रिश्वत ली।’ ममता से मिलने पहुंचे एक शिक्षक अख्तर अली ने कहा, ‘जो लोग संस्थानों में हैं और जिन्होंने धोखाधड़ी की है, उन्हें जेल में डाल दिया जाना चाहिए। जब हमने परीक्षा पास की है, साक्षात्कार दिया है और फिर चयनित हुए हैं, तो हमें दंडित क्यों किया जा रहा है? हमारे साथ इतना बड़ा घोटाला क्यों हुआ?’ एक अन्य शिक्षक ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री हम लगभग 19,000 बेदाग लोगों के दर्द को समझेंगी। हम हाईकोर्ट में हार गए, लेकिन इस उम्मीद के साथ सुप्रीम कोर्ट गए कि हम जीतेंगे, लेकिन दुख की बात है कि फैसला हमारे पक्ष में नहीं आया। हम इस घोटाले में फंस गए हैं और हम ही इसके लिए जिम्मेदार हैं। हम दोबारा परीक्षा नहीं देंगे और हम क्यों दें? आदेश के अनुसार, दागी कर्मचारियों को पिछले 6 महीनों में वेतन के रूप में जो भी कमाया है, उसे ब्याज सहित वापस करने के लिए कहा गया है।’