- भारतीयों की पूजा पद्धति अलग, संस्कृति एक
वाराणसी
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने काशी में कहा-औरंगजेब को आदर्श न मानने वाले भारतीयों का संघ में स्वागत है। शाखा में शामिल होने वाले सभी लोग भारत माता की जय बोलें और भगवा ध्वज के प्रति सम्मान प्रकट करें। उन्होंने कहा- भारतीयों का रहन-सहन, पूजा पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन संस्कृति एक है। भागवत रविवार सुबह मलदहिया में संघ की शाखा में शामिल हुए। वहां स्वयं सेवकों के सवालों के जवाब दिए।अपनी 5 दिवसीय काशी यात्रा में भागवत ने हिंदुत्व पर संदेश दिया। कहा- हिंदू समाज के सभी पंथ, जाति, समुदाय साथ आएं। श्मशान, मंदिर और पानी सब हिंदुओं के लिए एक होना चाहिए। इसमें भेदभाव क्यों ?दौरे के पहले दिन भागवत ने IIT-BHU के 94 आईआईटीयन और 28 प्रोफेसर के साथ करीब 45 मिनट बात की। इस दौरान उन्हा कहा- आप लोग समय निकालकर गांव की तरफ जरूर जाएं। हम उत्तर प्रदेश की सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों में शाखाएं लगवाने की तैयारी कर रहे हैं।भागवत ने 4 बड़े मैसेज दिए। पहला- हिंदू जातियों में नहीं बंटना चाहिए। दूसरा- गांवों में संघ की गतिविधियां बढ़ेंगी। तीसरा- गांव से लेकर शहर तक पढ़े-लिखे युवाओं को संघ से जोड़ा जाएगा। चौथा- 2027 से पहले BJP और संघ एक होगा।