नई दिल्ली (वी.एन.झा)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की पहचान को सशक्त बनाने में जैन धर्म की भूमिका अमूल्य रही है। इस अनमोल विरासत को सहेजने को लेकर हमारी प्रतिबद्धता हमारे लोकतंत्र के मंदिर नई संसद में भी हर ओर दिखाई देती है। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित ‘नवकार महामंत्र दिवस’ कार्यक्रम की अहमियत को रेखांकित किया और कहा, इसके माध्यम से शांति, आध्यात्मिक जागृति और सार्वभौमिक सद्भाव को बढ़ावा देने का सौभाग्य मिला। बकौल पीएम मोदी, ‘हमारी नई पीढ़ी को नई दिशा मिले और समाज में शांति, सद्भाव और करुणा बढ़े, इसके लिए हमें इन 9 संकल्पों को अपने जीवन में अपनाना होगा।’ उन्होंने पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों से निपटने का आह्वान करते हुए कहा कि टिकाऊ जीवनशैली ही एकमात्र उपाय है। जैन धर्म से जुड़े प्रतीकों का देश की संसद में उपयोग किए जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, लोकतंत्र के मंदिर नए संसद भवन में जैन धर्म का प्रभाव देखा जा सकता है…लोकसभा के प्रवेश द्वार पर तीर्थंकर की प्रतिमा है। यह प्रतिमा ऑस्ट्रेलिया से वापस लाई गई है…दक्षिणी भवन की दीवारों पर सभी 24 तीर्थंकरों को देखा जा सकता है। पीएम मोदी ने विश्व कल्याण का जिक्र करते हुए जैन धर्म के दर्शनों के अलग-अलग पहलुओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, जैन धर्म जितना वैज्ञानिक है, उतना ही संवेदनशील भी। युद्ध, आतंकवाद और पर्यावरण की चुनौतियों का हल भी इसके मूल सिद्धांतों में समाहित है। भारत की पहचान में जैन धर्म की अतुल्य भूमिका को रेखांकित करने के अलावा प्रधानमंत्री ने सरकार की तरफ से होने वाले प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘हम ज्ञान भारतम मिशन शुरू करने जा रहे हैं। इसके तहत हमारा संकल्प प्राचीन धरोहरों को डिजिटल करके प्राचीनता को आधुनिकता से जोड़ने का है।’ बकौल पीएम मोदी, नवकार महामंत्र सही मायने में ध्यान, साधना और आत्मशुद्धि का मंत्र है। यह हमारी आस्था का केंद्र है। इसका महत्त्व सिर्फ आध्यात्मिक नहीं है, बल्कि ये स्वयं से लेकर समाज तक सबको राह दिखाता है।
पीएम मोदी ने दुबई के क्राउन प्रिंस से मुलाक़ात के दौरान चेतक की प्रतिमा भेंट की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में दुबई के क्राउन प्रिंस (उत्तराधिकारी युवराज) शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से अपने निवास पर मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने मुलाक़ात के दौरान महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की प्रतिमा उन्हें भेंट की। प्रधानमंत्री ने भारत की समृद्ध विरासत की जानकारी साझा करते हुए महाराणा प्रताप और उनके घोड़े चेतक के ऐतिहासिक योगदान की जानकारी दी, कि किस प्रकार युद्ध मैदान में अपने प्राणों की आहुती देते हुए चेतक ने महाराणा प्रताप के जीवन की रक्षा की।
रूस ने प्रधानमंत्री मोदी नौ मई को विजय दिवस परेड के लिए किया आमंत्रित
रूस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर विजय की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर 9 मई को आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। इसकी जानकारी उप विदेश मंत्री एंड्री रुडेंको ने दी है। वहीं मास्को को उम्मीद है कि 9 मई की परेड में भारतीय प्रधानमंत्री शामिल होंगे। रूसी समाचार एजेंसी ने उप विदेश मंत्री के हवाले से कहा कि निमंत्रण पहले ही भेजा जा चुका है और यात्रा की योजना बनाई जा रही है। एंड्री रुडेंको ने कहा, ‘इस पर काम किया जा रहा है, यह इस साल होना चाहिए। उन्हें निमंत्रण मिला है।’ रूस ने इस साल की विजय दिवस परेड में शामिल होने के लिए कई मित्र देशों के नेताओं को भी आमंत्रित किया है। जनवरी 1945 में, सोवियत सेना ने जर्मनी के खिलाफ आक्रमण शुरू किया। 9 मई को कमांडर-इन-चीफ ने जर्मनी के बिना शर्त आत्मसमर्पण के अधिनियम पर हस्ताक्षर किए, जिससे युद्ध समाप्त हो गया।