- यूपी की 6593 पंचायतें बेहतर प्रदर्शन में शामिल
नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने नौ स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन की दिशा में देशभर की 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों की प्रगति का आकलन करने वाला पहला पंचायत विकास सूचकांक (पीएआई) जारी किया है। केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जारी पीएआई आंकड़े के मुताबिक, 699 पंचायतें शीर्ष श्रेणियों में हैं, जिनमें से अधिकांश गुजरात और तेलंगाना की हैं। मंत्रालय के मुताबिक, जिन 699 पंचायतों को अग्रणी श्रेणी में रखा गया है, उनमें गुजरात की सर्वाधिक 346 और तेलंगाना की 270 पंचायतें शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि सूचकांक में फिलहाल कोई अंतर-राज्यीय तुलना नहीं की गई है। मंत्रालय के अनुसार, बेहतर प्रदर्शन करने वाली 77,298 पंचायतों में से 13,781 गुजरात की, 12,242 महाराष्ट्र की, 10,099 तेलंगाना की, 7,912 मध्यप्रदेश की और 6,593 उत्तर प्रदेश की हैं। सूचकांक के तहत , विभिन्न ग्राम पंचायतों को उनके प्रदर्शन के लिहाज से मिले अंकों के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है, जिनमें सफल (90 से अधिक अंक), अग्रणी (75 से 90), बेहतर प्रदर्शन करने वाली (60 से 75), आकांक्षी (40 से 60) और शुरुआती स्तर की प्रगति वाली (40 से कम) पंचायतें शामिल हैं।सूचकांक में जहां 699 पंचायतें (0.3 फीसदी) अग्रणी बनकर उभरी हैं, वहीं 77,298 (35.8 प्रतिशत) को बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतों, 1,32,392 (61.2 फीसदी) को आकांक्षी और 5,896 (2.7 प्रतिशत) को शुरुआती दौर की प्रगति वाली पंचायतों में रखा गया है। इसमें किसी भी ग्राम पंचायत को सफल श्रेणी में नहीं शामिल नहीं किया गया है। आकांक्षी ग्राम पंचायतों की सबसे अधिक संख्या बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में है, जिससे रेखांकित होता है कि इन क्षेत्रों में विकास के अधिक प्रयास किए जाने की जरूरत है।पीएआई स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के नौ पैमानों के कार्यान्वयन की दिशा में पंचायतों का प्रदर्शन आंकता है। इन पैमानों में गरीबी मुक्त एवं उन्नत आजीविका स्रोत वाली पंचायत, स्वस्थ पंचायत, बाल-अनुकूल पंचायत, पर्याप्त जल वाली पंचायत, स्वच्छ एवं हरित पंचायत, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाली पंचायत, सामाजिक रूप से न्यायसंगत एवं सुरक्षित पंचायत, सुशासन वाली पंचायत और महिला-अनुकूल पंचायत शामिल हैं।