- मुख्यमंत्री ने राजपीपला में “रत्नसिंहजी महिडा मेमोरियल अवार्ड” अर्पित किए
- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आदिवासियों के कल्याण के लिए बजट में तीन गुना वृद्धि हुई
गांधीनगर
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने नर्मदा जिले के राजपीपला के प्रतिष्ठित समाज सुधारक, शिक्षाविद् व आदिवासियों के कल्याण के लिए समर्पित स्वर्गीय रत्नसिंहजी महिडा की स्मृति में शनिवार को दो विशिष्ट व्यक्तियों का “रत्नसिंह महिडा मेमोरियल अवार्ड” से से सम्मान किया। इस वर्ष से रत्नसिंह महिडा मेमोरियल अवार्ड की प्रथम बार शुरुआत की गयी है व इस बार प्रथम अवार्ड बिरसामुंडा ट्राइबल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. मधुकर पाडवी और आंध्र यूनिवर्सिटी विशाखापट्टनम की पहली महिला आदिवासी कुलपति डॉ. ए. एस. प्रसन्ना को प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने यह गौरव पुरस्कार प्रदान करते हुए आदिवासी कल्याण और शिक्षा के लिए स्वर्गीय रत्नसिंह महिडा के सेवा कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के गौरव वर्ष के इस उत्सव में, आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर इस वर्ष इस अवार्ड की शुरुआत होना एक संयोग है। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय रत्नसिंहजी महिडा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उनकी पौत्री विराजकुमारी महिडा की भी प्रशंसा की। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि स्वर्गीय रत्नसिंहजी महिडा ने शिक्षा के माध्यम से आदिवासियों को समाज की मुख्यधारा में लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए वर्ष 1957 में भरूच जिले में आदिवासी सेवा संघ की स्थापना कर शिक्षा का सेवायज्ञ शुरू किया था। उन्होंने बालवाटिका से लेकर कॉलेजों तक 72 शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए। उनकी इस मेहनत से आदिवासी और अंतिम छोर पर रहने वाले वंचित लोगों के लिए शिक्षा के नए अवसर उत्पन्न हुए। स्वर्गीय रत्नसिंहजी ने समर्पण और अविरत सेवा कार्य से इस समग्र प्रदेश में आदिवासी समाज के सशक्तिकरण की नींव रखी, जिसके परिणामस्वरूप असंख्य लोगों के जीवन में आमूल परिवर्तन आया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने यह अवार्ड अर्पण करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में आदिवासियों के कल्याण और समुचित उत्थान के लिए पिछले दशक में किए गए परिणामदायी प्रयासों की भूमिका प्रदान की। इस संदर्भ में पटेल ने कहा कि आदिजाति कल्याण के लिए बजट में तीन गुना वृद्धि के साथ-साथ धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 63 हजार गांवों में सामाजिक बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात में भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने 14 आदिवासी जिलों के 53 तालुकाओं में आदिवासी समुदाय का सर्वांगीण उत्थान सुनिश्चित किया है। आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं को उनके घर के निकट ही स्किल बेस्ड वोकेशनल, टेक्निकल तथा ट्राइबल आर्ट और कल्चर की उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री की प्रेरणा से राजपीपला में बिइस अवसर पर भरूच के सांसद मनसुखभाई वसावा ने कहा कि यह राजपीपला की पावन भूमि है। एक समय में शिक्षा का हब बने राजपीपला को मिनी विद्यानगर भी कहा जाता था। जिसे स्वर्गीय रत्नसिंहजी मेहड़ा ने प्रस्थापित कर आगे बढ़ाया। उन्होंने आदिवासी समाज में जागरूकता के लिए बुनियादी शिक्षा से लेकर अनेक क्षेत्रों में अविरत कार्य कर अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने स्वर्गीय रत्नसिंहजी महिडा की पौत्री सुश्री विराज कुमारी को बधाई दी। उन्होंनें सुश्री विराजकुमारी द्वारा दादा के कार्यों को आगे बढ़ाते हुए स्थापित किए गए इस भगीरथ कार्य की सराहना की। राजपीपला में छोटूभाई पुराणी व्यायाम महाविद्यालय के ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम में भरूच के सांसद मनसुखभाई वसावा, नांदोद विधायक डॉ. दर्शनाबेन देशमुख, स्वर्गीय रत्नसिंहजी महिडा की पौत्री सुश्री विराजकुमारी मेहदा, राजपीपला के अग्रणी मानवेन्द्र सिंह गोहिल, अभिनेता एवं पूर्व सांसद डॉ. नितीश भारद्वाज सहित प्रतिष्ठित नागरिक, स्वर्गीय रत्नसिंहजी महिडा के परिवारजन, राजपरिवार और जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।