गांधीनगर । गुजरात सरकार ने आज अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात स्पेसटेक नीति 2025-2030 की घोषणा की। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में देश का हब बनने के बाद गुजरात अब अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी नई उपलब्धियां हासिल करने के लिए तैयार है। इस नीति के तहत, IN-SPACe राज्य में अंतरिक्ष क्षेत्र में उद्योगों को विकसित करने में मदद करने के लिए इसरो और अंतरिक्ष विभाग के साथ साझेदारी करेगा। आजकल, अंतरिक्ष क्षेत्र रक्षा, नेविगेशन, स्वास्थ्य सेवा, इंटरनेट, डेटा ट्रांसफर, मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं में अपरिहार्य हो गया है। चंद्रयान, मंगलयान और स्पैडेक्स जैसे मिशनों ने हमारे देश को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में वर्ष 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोल दिया गया और निजी क्षेत्र के लिए एकल खिड़की के रूप में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) बनाया गया। इसके बाद, इस महत्वाकांक्षी कार्य में तेजी लाने के लिए भारत सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 और एफडीआई में आवश्यक संशोधनों की घोषणा की। स्पेसटेक नीति अंतरिक्ष क्षेत्र की गतिविधियों के लिए वित्तीय और गैर-वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जिसमें उपग्रह पेलोड और घटकों के उत्पादन से लेकर संचार और प्रणोदन प्रणाली, ग्राउंड स्टेशन, उपग्रह नियंत्रण केंद्र और अंतरिक्ष-आधारित अनुप्रयोग डिजाइन शामिल हैं। गुजरात सरकार इस रणनीतिक क्षेत्र में कौशल विकास, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की भी योजना बना रही है।