वेरावल । 5वीं राष्ट्रीय मातिस्यकी जनगणना इसी वर्ष नवम्बर-दिसम्बर में आयोजित की जाएगी। इस व्यापक सर्वेक्षण में तटीय राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 1.2 मिलियन मछुआरे परिवारों को शामिल किया जाएगा। जनगणना में समुद्री मछुआरे परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा और देश के पूरे समुद्र तट पर मत्स्य पालन के बुनियादी ढांचे का नक्शा तैयार किया जाएगा। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का मत्स्य पालन विभाग प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पी एम एम एस वाई) के तहत राष्ट्रीय समुद्री मात्स्यिकी जनगणना का वित्तपोषण और समन्वय कर रहा है। देश के सबसे आवश्यक डेटा संग्रहण की तैयारी में प्रारंभिक कदम के रूप में, नीतू कुमारी प्रसाद (आई ए एस), संयुक्त सचिव, मत्स्य विभाग, भारत सरकार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गयी जिसमें जनगणना की प्रगति, पूर्वापेक्षाएं और अनुमानित समयसीमा की समीक्षा की गई। सी एम एफ आर आइ के निदेशक और एम एफ सी 2025 के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. ग्रिन्सण जॉर्ज ने कहा, जनगणना समुद्री मात्स्यिकी प्रबंधन, कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास पर नीतियों को आकार देने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगी, जो समुद्री आजीविका पर निर्भर लाखों लोगों को सीधे प्रभावित करेगी। मात्स्यिकी संसाधन, मूल्यांकन, अर्थशास्त्र और विस्तार प्रभाग (एफ आर ए ई ई डी) के प्रमुख और एमएफसी 2025 के परियोजना प्रमुख डॉ. जे. जयशंकर ने पहले से शुरू की गयी प्रारंभिक गतिविधियों और प्रत्याशित गतिविधियों का अद्यतन विवरण प्रस्तुत किया।