भावनगर
जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में राष्ट्रविरोधी आतंकवादियों द्वारा पूरे भारत से आए पर्यटकों पर क्रूर हमला किया गया, जिसमें भावनगर, गुजरात के एक पिता-पुत्र दम्पति और सूरत के एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस आतंकी हमले के बाद देश के गृहमंत्री अमितभाई शाह तुरंत श्रीनगर पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी ली तथा राष्ट्र के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी विदेश यात्रा बीच में ही छोड़ दी और उच्च स्तरीय बैठक करने के लिए तुरंत भारत लौट आए। फिर एक कूटनीतिक निर्णय लेते हुए भारत में सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई गई।
इस संबंध में पूर्व शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चूड़ासमा ने कहा कि मैं पहली बार देख रहा हूं कि सभी मस्जिदों के इमाम आतंकवादियों के खिलाफ नरमी बरत रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि इस समय हम सब एक हैं और आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे। इसके अलावा, पूर्व शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चूड़ास्मा ने इस आतंकवादी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए नरेंद्रभाई मोदी की सरकार द्वारा लिए गए निर्णय का स्वागत किया, जिसके तहत भारत में पाकिस्तानी दूतावास को बंद कर दिया जाएगा। पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द कर दिए जाएंगे, पाकिस्तान को सिंधु जल संधि से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। अटारी सीमा चौकी बंद कर दी गई, पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई तक वापस लौटने का आदेश दिया गया तथा पाकिस्तानी राजनयिकों को देश छोडऩे का आदेश दिया गया।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पर्यटन विभाग को हजारों करोड़ रुपये के राजस्व का अतिरिक्त स्रोत प्राप्त हुआ। आर्थिक समृद्धि भी बढ़ती है क्योंकि हर कोई शांति से सुरक्षित रहता है। पर्यटन उद्योग के विकास ने आतंकवादियों की रुचि को बढ़ाया और इस हमले को जन्म दिया। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले के कारण पर्यटन विभाग को अप्रैल से जून तक 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। अब हमें यह सोचना होगा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कुल आय का आंकड़ा क्या होता। इस आय से स्थानीय होटलों, परिवहन, घोड़े-खच्चर चालकों और शिकार के शौकीनों को लाभ होता। जम्मू-कश्मीर के ये सभी मजदूर और व्यापारी अब तक आर्थिक रूप से वंचित थे। इस हमले के कारण पूरा भारत एकजुट हो रहा है। तो फिर आइये ऐसे आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दें। मैं इस हमले में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले। पूर्व शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूडासमा ने सूरत में हुए इस हमले में मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए मृतक के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।