पणजी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को आईएनएस विक्रांत पर पहुंचे। यहां उन्होंने नौसैनिकों से मुलाकात की और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं। उन्होंने नौसैनिकों को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि आज INS Vikrant पर अपने नौसैन्य योद्धाओं के बीच आकर मुझे बड़ी खुशी हो रही है। जब मैं भारत की समुद्री शक्ति के गौरव आईएनएस विक्रांत पर खड़ा हूं, तो मेरे अंदर खुशी के साथ-साथ एक गर्व और विश्वास का भाव भी है कि जब तक राष्ट्र की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा आपके मजबूत हाथों में है, तब तक भारत को कोई तिरछी निगाहों से देख नहीं सकता। वैसे भी ‘विक्रांत’ का अर्थ ही होता है- अदम्य साहस, और अपराजेय शक्ति। आज आप सभी जांबाजों के बीच खड़े होकर मैं इस नाम के अर्थ को साकार होता देख रहा हूं। आपकी आंखों में जो दृढ़ता है, उसमें भारत की असली शक्ति झलकती है। राजनाथ ने कहा, ‘आज मैं यहां केवल रक्षा मंत्री के नाते नहीं आया हूं, बल्कि मैं यहां एक कृतज्ञ भारतीय के रूप में आया हूं। मैं आपके समर्पण को नमन करने, आपके शौर्य को सराहने और आपके परिश्रम को सलाम करने आया हूं। मैं आप सभी को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर बधाई देता हूं। पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद, जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, तो हमारे सशस्त्र बलों ने जिस गति, गहराई और स्पष्टता के साथ कार्रवाई की, वह अद्भुत था। उसने न केवल आतंकवादियों को, बल्कि उन्हें पालने-पोसने वाले सरपरस्तों को भी स्पष्ट संदेश दे दिया, कि भारत अब सहन नहीं करता, भारत अब सीधा जवाब देता है।’ उन्होंने कहा कि महज कुछ ही समय में हमने पाकिस्तान के आतंकी अड्डे और उसके इरादों को ध्वस्त कर दिया। हमारा प्रहार इतना तगड़ा था कि पाकिस्तान पूरी दुनिया से भारत को रोकने की गुहार लगाने लग गया। अंत में हमने अपनी शर्तों पर मैं फिर दुहरा रहा हूं, हमने अपनी शर्तों पर अपनी सैन्य कार्रवाई को रोका है। अभी तो हमारी सेनाओं ने अपनी आस्तीनें पूरी मोड़ी भी नहीं थी, अभी तो हमने अपना पराक्रम दिखाना शुरू भी नहीं किया था। इस पूरे एकीकृत संचालन में नौसेना की भूमिका गौरवशाली रही है।
हम हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार: नौसेना प्रमुख
रक्षा मंत्री राजनाथ ने नौसैनिकों से मुलाकात की। इस दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने रक्षा मंत्री को सेना और सैनिकों के जज्बे से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि हम किसी भी चुनौती का कहीं भी, कभी भी, कैसे भी सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय नौसेना की ओर से आईएनएस विक्रांत पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का स्वागत करता हूं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आज वे उन नौसेना अधिकारियों के बीच मौजूद हैं, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की योजनाओं को सफलतापूर्वक सक्षम बनाया। आपका नेतृत्व हमेशा भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने वाला रहा है। ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने हमारी तत्परता, धैर्य और संकल्प का परीक्षण किया। हमारे नौसेना कर्मियों ने साहस, समन्वय और अदम्य संकल्प के साथ चुनौती का सामना किया और उस पर विजय प्राप्त की। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय न केवल उन नौसेना कर्मियों को जाता है, जिन्होंने समुद्र में बहादुरी से लड़ाई लड़ी, बल्कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी जाता है, जिन्होंने भारतीय नौसेना पर भरोसा किया, उसका समर्थन किया और उसे सक्षम बनाया।