पूर्व मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर ने खिताब जीतने से लेकर मिस वर्ल्ड मंच पर जज बनने तक के अपने शानदार सफर के बारे में बातचीत की। अभिनेत्री का मानना है कि मिस वर्ल्ड का मिशन सिर्फ तारीफ बटोरना नहीं है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है।अभिनेत्री ने बताया, “‘ब्यूटी विद ए पर्पस’ मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का मूल मंत्र है, यानी सिर्फ बाहरी सुंदरता नहीं, बल्कि एक बड़े मकसद के लिए काम करना। वह बताती हैं कि जब वह 20 साल की थीं, तब उन्होंने इस मंच पर हिस्सा लिया था। उनके पास एक सपना और एक प्रोजेक्ट था, जिसे उन्होंने वहां पेश किया। ‘ब्यूटी विद ए पर्पस’ ही मिस वर्ल्ड की आत्मा है। यहां जितने भी लोग आते हैं, उनकी आंखों में भी सपने होते हैं।”प्रतियोगिता से जुड़ी बातों को शेयर करते हुए उन्होंने बताया, “आज भी मुझे वो शब्द याद हैं कि ‘क्या अंधेरे में एक दीया जलाना, बिल्कुल न देखने से बेहतर नहीं है? मैं बस यही कहना चाहती हूं कि यही मिस वर्ल्ड का मिशन है। जब हम इन सभी अद्भुत महिलाओं को मंच पर देखते हैं, तो गर्व होता है। वे केवल प्रशंसा के लिए नहीं आई हैं। वे यहां बदलाव की चिंगारी जलाने आई हैं।”मानुषी छिल्लर ने साल 2017 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था।