- इन दोनों गुप्त अंगदानों से चार किडनी और एक लिवर का दान प्राप्त हुआ
- सिविल हॉस्पिटल में अब तक कुल 195 अंगदानों में 640 अंगों का दान प्राप्त हुआ, जिसके माध्यम से 621 जरूरतमंदों को नया जीवन प्रदान करने में सफलता मिली
अहमदाबाद । अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल द्वारा किए गए अंगदान के सेवा यज्ञ में पिछले पखवाड़े में दो अंगदाता जुड़े हैं। इन दोनों अंगदाताओं के परिजनों द्वारा गुप्त अंगदान किया गया है। सिविल हॉस्पिटल में हुए इन दो गुप्त अंगदानों का विवरण देते हुए सिविल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि पहले मामले में मध्य प्रदेश के 37 वर्षीय युवक को गिरने से सिर में चोट लगी थी। इसके कारण उन्हें 18 मई को गहन उपचार के लिए अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल लाया गया। उपचार के दौरान 20 मई को सिविल के डॉक्टरों की टीम ने परिजनों को बताया कि मरीज ब्रेन डेड है। इसके बाद परिजनों ने उनके अंगदान के माध्यम से किसी और का जीवन बचाने के लिए गुप्त अंगदान करने का निर्णय लिया। उनके अंगदान से दो किडनी प्राप्त हुईं। दूसरे मामले में खेड़ा जिले के नडियाद के 62 वर्षीय व्यक्ति को ब्रेन हेमरेज होने के कारण 30 मई को उपचार के लिए सिविल हॉस्पिटल लाया गया। उपचार के दौरान 2 जून को सिविल के डॉक्टरों की टीम ने परिजनों को बताया कि मरीज ब्रेन डेड है। इसके बाद परिजनों ने उनके अंगदान के माध्यम से किसी और का जीवन बचाने के लिए गुप्त अंगदान करने का निर्णय लिया। उनके अंगदान से दो किडनी और एक लिवर प्राप्त हुआ। डॉ. जोशी ने बताया कि सिविल हॉस्पिटल में हुए इन दो अंगदानों से प्राप्त चार किडनी और एक लिवर का प्रत्यारोपण सिविल मेडिसिटी कैंपस की किडनी हॉस्पिटल के जरूरतमंद मरीजों में किया गया। अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि इन दो अंगदानों के साथ सिविल हॉस्पिटल द्वारा अब तक कुल 640 अंगों का दान प्राप्त हुआ है, जिसके माध्यम से 621 व्यक्तियों को जीवनदान मिला है। उल्लेखनीय है कि सिविल हॉस्पिटल में अब तक 356 किडनी, 170 लिवर, 61 हृदय, 32 फेफड़े, 13 अग्न्याशय, दो छोटी आंत, 18 त्वचा और 132 आंखों का दान प्राप्त हुआ है। डॉ. जोशी ने कहा कि अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ने से लोग एक हाथ से दान करते हैं और दूसरे हाथ को पता भी नहीं चलता, इस तरह परोपकार की भावना के साथ बिना किसी अपेक्षा के गुप्त अंगदान कर रहे हैं। इससे वे अंगदान के महत्व को सही मायने में समझने लगे हैं।