- मुख्यमंत्री ने डभोई में श्री स्वामीनारायण गुरुकुल का उद्घाटन कर विद्यारंभ करवाया
- विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए हम सभी को शिक्षित, संस्कारयुक्त और संकल्पशील”अमृत पीढ़ी” का निर्माण करना होगा
गांधीनगर
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षा को विकास के लिए सर्वाधिक शक्तिशाली साधन मानने वाले प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति के जरिए भारत के भविष्य के नागरिकों का आधुनिकता और संस्कार के साथ निर्माण करने की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। भारतीय शिक्षण पद्धति में ज्ञान के साथ-साथ संस्कार भी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्राचीन गुरुकुल परंपरा में राजकुमार ऋषि-मुनियों से शिक्षा व दीक्षा प्राप्त करते थे। भगवान राम ने ऋषि वशिष्ठ और विश्वामित्र मुनि से शिक्षा प्राप्त की थी, जबकि भगवान कृष्ण ने ऋषि संदीपनी से ज्ञान प्राप्त किया था। वही गुरुकुल संस्कृति आज आधुनिक माध्यमों से पुनः प्राचीन परंपराओं को पुनः उजागर कर रही है। मुख्यमंत्री ने वडोदरा जिले के डभोई में नवनिर्मित स्वामीनारायण गुरुकुल का उद्घाटन कर विद्यारंभ करवाया। इस अवसर पर उनके साथ संत, महंत और महानुभव लोग भी उपस्थित रहे । भूपेंद्र पटेल ने उक्त संदर्भ में कहा कि आज के समय में ऐसी संस्थाएं हमारी गुरुकुल परंपरा को आधुनिकता के साथ जोड़ कर विद्यार्थियों को न मात्र शैक्षिणक ज्ञान प्रदान कर रही हैं, बल्कि जीवन निर्माण के लिए मूल्यनिष्ठ ,संस्कारयुक्त प्रशिक्षण भी दे रही हैं। आधुनिक छात्रावासों और तकनीक से सुसज्जित स्कूल कैंपस की स्थापना से शिक्षा के क्षेत्र में एक नई यात्रा शुरू हो रही है। उन्होंने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि स्वामीनारायण संस्था का यह गुरुकुल विशेषकर राष्ट्रप्रेम, संस्कार और आध्यात्मिकता के आधार पर उज्ज्वल भविष्य के लिए पीढ़ी तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि प्राचीन नालंदा, तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए नई शिक्षा नीति के तहत प्रधानमंत्री ने सेक्टर स्पेसिफिक विश्वविद्यालयों की स्थापना की है। कन्या केलवणी और शाला प्रवेशोत्सव के माध्यम से बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। पटेल ने गौरव के साथ कहा कि नमो लक्ष्मी और नमो सरस्वती योजनाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को विज्ञान संकाय में प्रवेश लेने के लिए प्रोत्साहन मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि श्री स्वामीनारायण गुरुकुल जैसे संस्थान ‘एक पेड़ मां के नाम’, ‘कैच द रेन’ और ‘सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति’ जैसे प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए पर्यावरण हित के अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नौतम स्वामी ने स्वामीनारायण गुरुकुल की गतिविधियों की रूपरेखा दी इस अवसर पर के.पी. स्वामी, हरिजीवन स्वामी, निर्लेपस्वरूप दास स्वामी, विष्णुस्वरूप दास स्वामी, मोहनदास महाराज, जिला पंचायत अध्यक्ष गायत्रीबा महिड़ा, सांसद जसुभाई राठवा, विधायक डी.के. स्वामी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अश्विनभाई पटेल और अग्रणी रसिकभाई प्रजापति सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान के जरिए प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को एक नई दिशा दी है। उन्होंने राष्ट्ररक्षा का एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो भावी पीढ़ियों को देश सेवा के लिए प्रेरणा देगा। विधायक शैलेषभाई मेहता ने कहा कि दर्भावती नगरी की खासियत को देखते हुए यहां ऐसी संस्कार युक्त शिक्षा प्रदान करने वाले गुरुकुल की महती आवश्यकता थी। संस्थान के संचालक श्री के.पी. स्वामी, श्री नौतम स्वामी तथा श्री बापू स्वामी की अध्यक्षता में आज केवल इस गुरुकुल का उद्घाटन ही नहीं हुआ है, बल्कि दर्भावती नगरी के भविष्य का एक नया अध्याय लिखा गया है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी दर्भावती के लिए अपने विशेष प्रेम को अभिव्यक्त करते हुए बहुत से अनुदान और विकास योजनाओं की भेंट दी है। उन्होंने दर्भावती के विकास के लिए मुख्यमंत्री के योगदान को अमूल्य बताते हुए इसके लिए उनका विशेष आभार वक्त किया भावनगर के विधायक श्री जीतूभाई वाघाणी ने समाज के अनुभव को व्यक्त करते हुए कहा कि आम तौर पर जब किसी शैक्षणिक संस्था का संचालन व्यवसायिक लोगों द्वारा किया जाता है, तब उसमें मुनाफे का दृष्टिकोण होता है, लेकिन जब संतगण संस्था का संचालन करते हैं, तब उसमें सेवा भाव के साथ संस्कार का सार होता है। उन्होंने कहा कि श्री स्वामीनारायण गुरुकुल संस्था केवल एक शैक्षणिक संस्था नहीं है, बल्कि यह संस्कार का धाम है। ऐसी आधुनिक टेक्नोलॉजी से सुसज्जित, संस्कार युक्त संस्थाएं विद्यार्थियों को पढ़ाने के साथ-साथ जीवन जीने का तरीका सीखने में भी योगदान देती हैं। विद्यार्थियों को यहां आने का मन होता है, यहां पढ़ने का मन होता है और पढ़ने के साथ-साथ भारतीयता, नैतिकता और राष्र्हभावना के साथ एक उत्तम नागरिक का निर्माण होता है, यही गुरुकुल की वास्तविक उपलब्धि है।