गांधीनगर । गुजरात सरकार ने फैक्ट्री अधिनियम, 1948 के मुख्य प्रावधानों में संशोधन करके दैनिक कार्य अवधि को 9 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है, जबकि साप्ताहिक कुल कार्य अवधि की सीमा 48 घंटे रखी गई है। फैक्ट्री (गुजरात संशोधन) अध्यादेश-2025, जिसे 1 जुलाई को श्रम, कौशल विकास और रोजगार विभाग द्वारा जारी किया गया है, इस नियम के अनुसार महिलाओं को रात्रि पाली में कार्य करने की भी अनुमति दी गई है। यह अध्यादेश उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए लागू किया गया है। अध्यादेश के मुख्य बिंदु, जिनमें काम के घंटे बढ़ाए गए हैं, उनमें अब दैनिक अधिकतम काम के घंटे 12 घंटे होंगे, जबकि सप्ताह के 48 घंटे का नियम यथावत रहेगा। इस मामले में मजदूर की लिखित सहमति अनिवार्य रहेगी और भविष्य के दिनों को भुगतानशुदा छुट्टी (पेड हॉलिडे) के रूप में गिना जाएगा। मजदूर अब लगातार 6 घंटे काम कर सकते हैं, जो पहले 5 घंटे थे। निर्धारित सीमा से अधिक काम करने वाले मजदूरों को दोगुना वेतन दिया जाएगा। अब प्रत्येक तिमाही में मजदूर 125 घंटे तक ओवरटाइम कर सकते हैं, जिसमें लिखित सहमति लेनी होगी। महिलाओं को शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक रात्रि की पाली में काम करने की छूट मिलेगी। इसके लिए विशेष सुरक्षा उपाय, परिवहन व्यवस्था, कैमरा निगरानी, आराम गृह और शारीरिक-मानसिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नियम बनाए गए हैं। यह कार्य पूरी तरह से स्वैच्छिक आधार पर होगा। राज्यपाल ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 के तहत राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त कर इस अध्यादेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया है। यह अध्यादेश अधिक आर्थिक गतिविधियों और रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से बनाया गया है। भविष्य में इसकी कानूनी मंजूरी विधानसभा की बैठकों में ली जाएगी। उद्योगपति, मजदूर संघ और अधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया गतिविधियां अब आगे बढ़ सकेंगी।

