- मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक में राज्य में सड़कों, पुलों और हाईवे की स्थिति की समीक्षा की
- मुख्यमंत्री ने कहा- डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़कों और पुलों के मामले में ठेकेदार की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए
गांधीनगर
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में मानसून के दौरान भारी बरसात के कारण क्षतिग्रस्त हुए हाईवे तथा ग्रामीण एवं शहरी सड़कों की युद्धस्तर पर मरम्मत कर उन्हें बहाल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने एक उच्च स्तरीय बैठक में विकास की धमनियां कहे जाने वाले और नागरिक जीवन में रोजाना के यातायात के लिए अति महत्वपूर्ण सड़क नेटवर्क की तत्काल मरम्मत शुरू करने के दिशा-निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को गांधीनगर में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों सहित नगरों-महानगरों, नेशनल हाईवे, राज्य हाईवे और पंचायत के अंतर्गत आने वाली सड़कों की मौजूदा स्थिति की सर्वग्राही समीक्षा की। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बैठक में यह स्पष्ट किया कि सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए किए जाने वाले पैचवर्क के लिए बारिश रुकने का इंतजार नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बिना बारिश वाला या कम बारिश वाला एक भी दिन व्यर्थ नहीं जाना चाहिए और जनहित में अवकाश के दिन भी मरम्मत कार्य जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों में डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड के दौरान नुकसान हुआ है या मरम्मत की जरूरत पड़ी है, ऐसे मामलों में ठेकेदार की जिम्मेदारी तय करके कदम अवश्य उठाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने महानगरों में सड़कों और अंडरब्रिजों सहित जहां भी जलभराव की समस्या है, वहां तत्काल मरम्मत कार्य शुरू कर शहरों में स्थिति को बहाल करने के भी निर्देश दिए। इतना ही नहीं, उन्होंने शहरों में इस समस्या के निवारण के लिए दीर्घकालिक उपाय का आयोजन करने का भी सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने मरम्मत कार्यों में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और राज्य सरकार के सड़क एवं भवन विभाग, पंचायत, नगर पालिकाओं और महानगर पालिकाओं के बीच समन्वय बनाकर टीम वर्क से काम करने के भी सुझाव दिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बारिश के कारण सड़कों पर पानी भरने, पुलों, नालों और कोजवे के क्षतिग्रस्त होने या डामर रोड के नुकसान जैसे मामलों पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए। इस उद्देश्य से, उन्होंने गांधीनगर स्थित निर्माण भवन में संचालित 24×7 कंट्रोल रूम को जानकारी मिलते ही तुरंत संबंधित अधीक्षक, अधिशासी अभियंता या उप अभियंता को स्थल पर जाकर मरम्मत की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सड़क एवं भवन विभाग ने मुख्यमंत्री के समक्ष राज्य की सड़कों, पुलों और हाईवे की मौजूदा स्थिति के संबंध में एक प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। जो सड़कें बारिश के चलते प्रभावित हुई हैं, उनमें से अधिकतर में स्ट्रक्चर और पुलों का कार्य प्रगति पर है। 243 पुलों पर इस प्रकार का काम चल रहा है और उनके डायवर्जन की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के समक्ष हाईवे की स्थिति के संबंध में एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त हुए 83 किलोमीटर नेशनल हाईवे में से 58 किलोमीटर में मरम्मत का काम पूरा हो चुका है और शेष 25 किलोमीटर का काम भी तेजी से पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि राज्य सरकार इस बात के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है कि सड़कों की मरम्मत में विलंब के कारण नागरिकों के जीवन में कोई रुकावट न आए और कार्यों को समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाए। इस उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव पंकज जोशी, मुख्यमंत्री के सलाहकार एस.एस. राठौर, मुख्यमंत्री की अपर प्रधान सचिव अवंतिका सिंह, कमिश्नर ऑफ म्युनिसिपैलिटीज सुरेम्या मोहन, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) धीरज पारेख, सड़क एवं भवन विभाग के सचिव प्रभात पटेलिया सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
gujaratvaibhav.com

