बीजिंग
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बैठक के दौरान अपने शुरुआती वक्तव्य में जयशंकर ने कहा, आज हमारी बैठक में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श होगा। कल हम शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के प्रारूप में मिलेंगे, जिसका मुख्य उद्देश्य आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ से लड़ना है। यह हम सभी की साझा चिंता है और भारत को उम्मीद है कि आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को मजबूती से अपनाया जाएगा। विदेश मंत्री के रूप में आप (वांग यी) लंबे समय से हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए जिम्मेदार रहे हैं। मुझे इस समय हमारे संबंधों की स्थिति पर चर्चा करने पर खुशी हो रही है, विशेषकर ऐसे समय में जब दुनिया में बड़े बदलाव हो रहे हैं। मैं रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों के आदान-प्रदान की उम्मीद करता हूं। जयशंकर ने आगे कहा, पिछले नौ महीनों में हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने की दिशा में अच्छा प्रगति की है। यह सीमा पर तनाव के समाधान और वहां शांति बनाए रखने की हमारी क्षमता का परिणाम है। यही पारस्परिक रणनीतिक विश्वास और संबंधों के सहज विकास की बुनियाद है। अब जरूरी है कि हम सीमा से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी ध्यान दें, जिनमें तनाव कम करना भी शामिल है। उन्होंने कहा, हमारे संबंधों के कई पहलू और आयाम हैं, क्योंकि हम पड़ोसी देश भी हैं और प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं भी। लोगों के बीच संपर्क को सामान्य बनाने की दिशा में उठाए गए कदम आपसी सहयोग को बढ़ा सकते हैं। इस संदर्भ में यह भी जरूरी है कि व्यापार में बाधाएं और प्रतिबंधात्मक कदम न उठाए जाएं। मुझे उम्मीद है कि इन मुद्दों पर और गहराई से चर्चा होगी। भारत और चीन के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध न केवल हमारे लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए लाभकारी हैं। यह तभी संभव है जब हम एक-दूसरे के प्रति सम्मान, साझा हित और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को आगे बढ़ाएं। जयशंकर ने कहा, हम पहले भी सहमत हो चुके हैं कि मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए और प्रतिस्पर्धा को कभी भी संघर्ष नहीं बनने देना चाहिए। इसी आधार पर हम अपने संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।
चीनी उपराष्ट्रपति से मिले जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत-चीन संबंधों में हालिया सुधार का जिक्र किया।दोनों नेताओं के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में जयशंकर ने कहा, भारत और चीन के संबंध अक्टूबर 2023 में कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से लगातार बेहतर हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच 75 साल के राजनयिक संबंध पूरे हो चुके हैं।जयशंकर ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात को जटिल बताया और कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े पड़ोसी देशों के बीच खुलकर बातचीत बेहद जरूरी है।उन्होंने चीनी उपराष्ट्रपति को बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने को भारत में बेहद सराहा गया है।जयशंकर की पांच साल में यह पहली चीन यात्रा है। वे सिंगापुर दौरे के बाद बीजिंग पहुंचे हैं। जयशंकर 15 जुलाई को तियानजिन में होने वाली SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हिस्सा लेंगे।

