सरकारी जमीन की अवैध नीलामी का मामला
गोंडल । गुजरात में नकली दस्तावेजों और फर्जीवाड़े का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला राजकोट जिले के गोंडल से सामने आया है, जहाँ एक फर्जी तालुका पंचायत कार्यालय संचालित किया जा रहा था। इस कार्यालय ने नकली दस्तावेज तैयार कर त्राकुडा गांव की सरकारी जमीन की अवैध रूप से नीलामी कर दी। इस घटना ने राज्य में सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली और धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, धोखेबाजों ने गोंडल में एक ऐसा फर्जीवाड़ा किया, जिसकी कल्पना भी मुश्किल है। उन्होंने बाकायदा एक नकली तालुका पंचायत कार्यालय स्थापित किया। यह कार्यालय देखने में बिल्कुल असली सरकारी दफ्तर जैसा लगता था, जिससे किसी को शक न हो। इसके बाद, जालसाजों ने इस फर्जी कार्यालय का इस्तेमाल करके त्राकुडा गांव में स्थित सरकारी जमीन को निशाना बनाया। उन्होंने फर्जी कागजात और जाली मुहरों का उपयोग करके जमीन को अपनी मिल्कियत दिखाया और फिर अवैध रूप से उसकी नीलामी कर दी। यह घोटाला तब सामने आया जब सरकारी राजस्व विभाग या संबंधित अधिकारियों को इस अवैध नीलामी की भनक लगी। शुरुआती जांच में पता चला कि इस पूरी प्रक्रिया में न केवल नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ है, बल्कि इसमें सरकारी प्रक्रिया और नियमों का भी घोर उल्लंघन किया गया है। यह स्पष्ट रूप से सरकारी संपत्ति को हड़पने और बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का एक सुनियोजित प्रयास था। इस घटना ने राज्य प्रशासन की नींद उड़ा दी है। पुलिस ने इस मामले में गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं और क्या यह कोई बड़ा गिरोह है जो इस तरह के कृत्यों को अंजाम दे रहा है। आशंका है कि इसमें कुछ सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत भी हो सकती है, जिसकी गहनता से जांच की जा रही है। गोंडल का यह मामला गुजरात में बढ़ते धोखाधड़ी और नकलीवाड़े के मामलों की कड़ी में एक और चिंताजनक अध्याय जोड़ता है। यह घटना दर्शाती है कि जालसाज कितने बेखौफ होकर सरकारी प्रणाली में सेंध लगा रहे हैं। सरकार और प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वे ऐसे धोखाधड़ी करने वालों को कैसे रोकें और सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करें। इस मामले में दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की जा रही है ताकि भविष्य में कोई इस तरह के कृत्य करने की हिम्मत न करे।
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