Saturday, 06 December 2025

☰

SIGN IN
SUBSCRIBE NOW
Facebook Twitter Youtube Instagram Pinterest Linkedin Telegram
  • ePaper
Saturday, 06 December 2025

☰

  • होम
  • राष्ट्र वैभव
  • खेल वैभव
  • व्यपार वैभव
  • हिंदी है हम
  • विश्वास न्यूज़
  • विडियो
  • Cross Word
  • #Neet Results
  • होम
  • राष्ट्र वैभव
  • खेल वैभव
  • व्यपार वैभव
  • हिंदी है हम
  • विश्वास न्यूज़
  • विडियो
  • Cross Word
  • #Neet Results
SUBSCRIBE NOW
SIGN IN

सहकारिता मंत्रालय की गौरवमयी चार वर्षीय यात्रा:सहकारी संस्थाओं का डेटाबेस तैयार करने में केंद्रीय मंत्री शाह के नेतृत्व में मंत्रालय का अथक परिश्रम सराहनीय

by Gujarat Vaibhav News Desk
July 20, 2025
in राष्ट्र वैभव
0
सहकारिता मंत्रालय की गौरवमयी चार वर्षीय यात्रा:सहकारी संस्थाओं का डेटाबेस तैयार करने में केंद्रीय मंत्री शाह के नेतृत्व में मंत्रालय का अथक परिश्रम सराहनीय
0
SHARES
17
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter
  • नये सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद के इन चार वर्षों में इस क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है
  • सहकारिता में 60 से अधिक महत्वपूर्ण पहलें की गई है

सहकारिता को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” संकल्प को पूरा करने में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। नये सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद के इन चार वर्षों में इस क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। शाह के नेतृत्व में जहां सहकारिता की खामियों को चिन्हित कर उन्हें तत्काल दुरुस्त किया गया वहीं सहकारिता को नई दिशा देने के लिए उल्लेखनीय सुधार किए गए हैं। इसे सहकारिता की दूसरी क्रांति कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगा। इस दौरान सहकारिता में 60 से अधिक महत्वपूर्ण पहलें की गई है।
सहकारी संस्थाओं का डेटाबेस तैयार करने में केंद्रीय मंत्री शाह के नेतृत्व में मंत्रालय का अथक परिश्रम सराहनीय रहा है। मॉडल बायलॉज से पैक्स से अपेक्स तक सुधार दिखा है। देश में सहकारिता को हर गांव तक पहुंचाने के लिए कुल दो लाख अतिरिक्त पैक्स के गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें कृषि, डेयरी और मत्स्य, नमक पैक्स शामिल हैं।
सहकारिता में पारदर्शिता और कार्यदक्षता लाने के लिए पैक्स कंप्युटरीकरण को द्रुत गति से लागू किया गया। सहकारिता के पुनरोद्धार का कार्य शाह ने राज्यों को साथ लेकर पूरा किया। पुराने पड़ चुके सहकारी कानूनों में यथोचित सुधार कर नये प्रावधान लाए गए हैं। सहकारिता में कानूनी सुधार के तहत मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव एक्ट में आवश्यक संशोधन किए गए। सहकारिता में चुनाव के लिए अलग से केंद्रीय सहकारी चुनाव प्राधिकरण की स्थापना की गई है।
पैक्स को सशक्त करने के लिए उन्हें व्यावसायिक गतिविधियों से जोडा गया, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों की योजनाओं को शामिल किया गया है। सहकारिता से युवाओं को जोड़ने के लिए कई योजनाएं शुरु की गई हैं। सहकारिता में प्रशिक्षित कुशल युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने देश की पहली त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना की है, जिसमें इसी सत्र से शिक्षण कार्य शुरु होने जा रहा है। यह विश्वविद्यालय सहकारी प्रशासन, नेतृत्व, उद्यमिता, डिजिटल प्रबंधन, और नीति-निर्माण जैसे क्षेत्रों में विशेषीकृत पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्रों और सहकारी कर्मियों को प्रशिक्षित करेगा। सहकारी विश्वविद्यालय के माध्यम से सहकारी बैंक, विपणन संघ, आवास समितियों, कृषि सेवा समितियों और अन्य क्षेत्रों में कुशल मानव संसाधन की मांग को पूरा किया जा सकेगा।
सरकारी चीनी मिलों की समस्याओं का निराकरण करते हुए केंद्रीय सहकारिता मंत्री शाह ने उन्हें निजी व सार्वजनिक चीनी मिलों के समान अवसर प्रदान किए हैं। इनकन टैक्स प्रणाली को तर्कसंगत बना दिया गया है। उनकी आर्थिक चुनौतियां दूर कर दी गईं।
राष्ट्रीय स्तर की तीन सहकारी सोसाइटियां बीज, निर्यात और आर्गेनिक्स का गठन किया गया, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलने लगी है। देश की खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर सहकारिता क्षेत्र ने बड़ी चुनौती को स्वीकार करते हुए दुनिया की सबसे बड़ा अन्न भंडारण योजना को हाथ में लिया है। इसके तहत ग्राम पंचायत स्तर पर गोदाम बनाने की योजना पर काम शुरु हो चुका है। इसकी पायलट परियोजना के पूरा होने के बाद पहले चरण का प्रारंभ कर दिया गया है। किसानों की मुश्किलों को आसान बनाने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने उल्लेखनीय पहल की है। इसके तहत सहकारी संस्थाओं को किसानों की उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने का दायित्व दे दिया है। नैफेड और एनसीसीएफ जैसी सहकारी संस्थाएं दलहन व तिलहन की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करने लगी हैं।
सरकार की पहल पर सहकारी बैंकों को सार्वजनिक व निजी बैंकों जैसी सहूलियत मिलने लगी हैं। उन्हें जहां नई शाखाएं खोलने की सुविधा मिली है वहीं उनकी कारोबारी गतिविधियों को विस्तार मिला है। एनसीडीसी के ऋण वितरण का अभूतपूर्व विस्तार किया गया है। चालू वित्त वर्ष में इसका लक्ष्य पौने दो लाख करोड़ रुपए के पास पहुंचने का अनुमान है। इससे सहकारी संस्थाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। सहकारिता मंत्रालय ने इन चार वर्षों में 60 से अधिक महत्वपूर्ण पहल की है, जिसे देशभर की सहकारी संस्थाएं लाभान्वित हो रही हैं।
भारत में सहकारी आंदोलन की एक समृद्ध और प्रभावशाली परंपरा रही है। इसने विशेष रूप से ग्रामीण और कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था में व्यापक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। देश में वर्तमान में 8.5 लाख से अधिक सहकारी समितियां कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 29 करोड़ देशवासियों की सदस्य के रूप में सहभागिता है। ये समितियां कृषि उत्पादन, ग्रामीण वित्त, आवास, मार्केटिंग, उपभोक्ता सेवा, डेयरी सेक्टर, मत्स्य पालन और अन्य उद्योगों में सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं।

दिलीप संघाणी
अध्यक्ष, एनसीयूआई एवं इफको
पूर्व मंत्री, गुजरात

Gujarat Vaibhav News Desk

Gujarat Vaibhav News Desk

Next Post
श्री राणी शक्ति सेवा‌ समिति अहमदाबाद‌ में आयुष्मान कार्ड के लिए विशेष शिविर लगाया

श्री राणी शक्ति सेवा‌ समिति अहमदाबाद‌ में आयुष्मान कार्ड के लिए विशेष शिविर लगाया

Downloads

Android Apple
Footer -2

Follow Us

Facebook Twitter Youtube Instagram Pinterest Linkedin Telegram
  • Comics
  • Crosswords
  • Mah Jongg
  • Sudoku
  • Wordwipe
  • Horoscopes
  • Solitaire
  • TV Listing

About Us

  • Public Relations
  • Careers
  • Diversity & Inclusion
  • Newspaper in Education
  • Today's Paper
  • BrandStudio
  • Events
  • Policies & Standards

Get The Post

  • Home Delivery
  • Digital Subscription
  • Gift Subscription
  • Mobile & Apps
  • Newsletter & Alerts
  • Gujarat Vaibhav Post Live
  • Reprints and Permission
  • Post Store
  • Books & eBooks
  • eReplica

Help

  • Contact the Newsroom
  • Contact Customer Care
  • Reader Representative
  • Advertise
  • Licensing & Syndication
  • Request a Correction
  • Send a News Tip

Terms of Use

  • Digital Products Terms of Sale
  • Print Products Terms of Sale
  • Terms of Service
  • Privacy Policy
  • Submission & Discussion Policy
  • RSS Terms of Service
  • Ad Choices
Footer -2

Read our E-Paper

Developed by : India Online Business Solution

Add New Playlist

No Result
View All Result

© 2020 Gujarat Vaibhav | India Online Business Solutions

  • TRENDING TODAY
  • Gujarat
  • Rajasthan
  • Videos
  • Entertainment

Subscription

गरमागरम खबरे

E Paper

समाचार

  • राष्ट्र वैभव
  • विदेश वैभव

कोविड -19

  • वीडियो & Podcast
  • Expert वैभव
  • Report वैभव
  • विश्व Tracker

राज्य वैभव

  • गुजरात वैभव
  • राजस्थान वैभव
  • पंजाब वैभव
  • राजधानी वैभव
  • उत्तर प्रदेश वैभव
  • उत्तराखंड वैभव
  • मध्यप्रदेश वैभव
  • छत्तीसगढ़ वैभव
  • हरियाणा वैभव
  • बिहार वैभव
  • झारखंड वैभव
  • हिमाचल वैभव
  • महाराष्ट्र वैभव
  • दिल्ली वैभव

Commerce वैभव

  • Agro वैभव
  • Industry वैभव
  • Economy वैभव
  • वैभव Market
  • वैभव Budget 20-20

Crossword + "Free Games"

  • Comics
  • Sudoku
  • Mahjongg
  • Word Wipe
  • Solitaire

विचार विमर्श

  • Editorial वैभव
  • आपकी राइ
  • Columnist
  • वैभव Bloggers
  • Interviews
  • Cartoon
  • आपकी संपादक
  • News Correction

Sports Vaibhav

  • Athletic
  • Cricket
  • Football
  • Hockey
  • Motorsports
  • Tennis
  • Races
  • Other Sports

वैभव Entertainment

  • कला वैभव
  • Dance
  • चल चित्र
  • Theatre
  • Music
  • Reviews

समाज वैभव

  • History
  • सभ्यता एव संस्कृति

पुस्तक संसार

  • Authors
  • Reviews

बच्चो की प्यारी दुनियाँ

Lifestyle वैभव

  • Travel
  • Fashion
  • Food
  • Fitness
  • Homes
  • Luxury
  • Farming

Sci-Tech वैभव

  • Technology
  • विज्ञान वैभव
  • Environment

Edu वैभव

  • Career
  • College
  • School

Multimedia Vaibhav

वैभव विशेष

नारी विशेष

देश के जवान

हमारा आर्य समाज

वैभव धर्म

मैं भी पत्रकार

  • Classifieds
  • eBooks
  • Subscribe
  • About Us
Lost your password?