विभिन्न राजस्व संबंधी मुद्दों और कार्यों की समीक्षा कर जनहितैषी निर्णयों को प्राथमिकता दी गई : डॉ. जयंती रवि
गांधीनगर
राज्य के मृदु-मक्कम मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन और नेतृत्व में, राजस्व विभाग द्वारा जनोन्मुखी प्रशासन और प्रक्रियाओं के सरलीकरण के तहत, राजस्व कार्यों की समीक्षा के लिए गांधीनगर में राज्य के कलेक्टरों का एक सम्मेलन राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. जयंती रवि की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इसमें राज्य के महत्वपूर्ण जनहितैषी राजस्व संबंधी मुद्दों पर चर्चा की गई। डॉ. रवि ने प्राकृतिक आपदा के समय राजस्व अधिकारियों के त्वरित कार्य की सराहना की और राजस्व तंत्र द्वारा सुचारु समन्वय स्थापित कर जनहितैषी मुद्दों और समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए इन मामलों पर त्वरित आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। राजस्व विभाग और विभाग प्रमुखों के कार्यालयों के माननीय उच्च न्यायालय में लंबित न्यायालयी मामलों के संदर्भ में, राज्य के कलेक्टर कार्यालयों में लंबित 29,000 से अधिक मामलों सहित कुल 37,000 मामलों की जिला-वार समीक्षा करके उनके त्वरित निपटान के लिए एक कार्य योजना बनाने और इन मामलों का निपटान करने का निर्देश डॉ. जयंती रवि ने दिया। साथ ही, माननीय उच्च न्यायालय के वरिष्ठ विधि अधिकारियों और जिलों के कानून अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित कर इस संबंध में एक विस्तृत रोडमैप तैयार करने का निर्देश भी डॉ. जयंती रवि ने दिया।डॉ. रवि ने आगे बताया कि जिला प्रशासन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके री-सर्वे का काम, राजस्व संबंधी प्रस्तावों और परिपत्रों की समीक्षा करके विषय-वार एक एकीकृत प्रस्ताव बनाने और मैनुअल तैयार करने का काम, अधिग्रहण के मुद्दों के लिए एक टास्क फोर्स बनाने का काम, iORA में दर्ज आवेदनों, RTLOC (Revenue Title and Land Occupancy Certificate) से संबंधित काम करने का सुझाव दिया। राजस्व प्रशिक्षण संस्थान DISRA को सुदृढ़ कर राजस्व कर्मियों को लगातार प्रशिक्षण, ई-धरा का ऑडिट आदि कार्यों की भी कॉन्फ्रेंस में समीक्षा की गई। डॉ. जयंती रवि ने पीएम पोषण योजना के तहत केंद्रीकृत रसोई के लिए भूमि आवंटन, रेड क्रॉस के लिए भूमि आवंटन आदि की भी समीक्षा की और भूमि आवंटन का काम तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया।डॉ. जयंती रवि ने कहा कि ई-गवर्नेंस के माध्यम से जिला स्तर के मुद्दों का तेजी से समाधान हो, जनहितैषी निर्णयों का आसानी से कार्यान्वयन हो और राजस्व कार्यों में पारदर्शिता आए, इस उद्देश्य से राजस्व विभाग द्वारा समय-समय पर आयोजित की जाने वाली कलेक्टर / निवासी अपर कलेक्टरों की ऐसी वी.सी. कॉन्फ्रेंस एक निर्णायक और महत्वपूर्ण माध्यम बन रही है।

