अहमदाबाद । गुजरात हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए राज्य के कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांटों का नए सिरे से निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने वर्ष 2015 में इस उद्देश्य के लिए गठित समिति को पुनर्जीवित करते हुए श्रमिकों के स्वास्थ्य हितों को सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया है। मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति डी.एन. रे की खंडपीठ ने आदेश दिया कि पुनर्जीवित समिति नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑक्यूपेशनल हेल्थ (NIOH) के विशेषज्ञों की मदद ले सकेगी। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों की चिकित्सा स्थिति का मूल्यांकन करना और उनके व्यावसायिक स्वास्थ्य जोखिमों को उजागर करना होगा। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि श्रमिकों को सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण मिले। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह मामला कई वर्षों बाद सुनवाई के लिए आया है और समिति की अंतिम रिपोर्ट 2016 में प्रस्तुत की गई थी।

